Bilkis Bano: बिलकिस बानो गैंगरेप केस में 11 दोषियों को समय से पूर्व रिहाई देने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।पिछली सुनवाई 18 अप्रैल को हुई थी।जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार से दोषियों की रिहाई का स्पष्ट कारण पूछा था, सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी देते हुए कहा था, कि आज यह बिलकिस के साथ हुआ, कल किसी के साथ भी हो सकता है।
सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दोषियों की रिहाई के आधार वाले दस्तावेजों को लेकर सवाल पूछा था।इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को दोषियों की सजा में छूट संबंधी फाइल को अगली तारीख पर पेश करने को कहा।याचिका बिलकिस बानो की तरफ से दाखिल की गई है।
अदालत में केंद्र और गुजरात सरकार की ओर से ASG एसवी राजू पेश हुए थे। उन्होंने कहा था कि हम सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन लगाने पर विचार करेंगे, जिसमें रिहाई की फाइल मांगी गई है।
Bilkis Bano:गुजरात सरकार मांगी थी केस से जुड़ी फाइलें
Bilkis Bano: सुप्रीम कोर्ट में इसके पहले 28 मार्च को गुजरात सरकार से दोषियों की रिहाई से जुड़े तमाम फाइलें पेश करने को कहा था।पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की ओर से फाइलें पेश नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त की थी। सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस मामले में दोषियों को छूट देने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के निस्तारण के लिए 2 मई की तारीख मुकर्रर की थी। कोर्ट ने सभी दोषियों से जवाब दाखिल करने को कहा था।
Bilkis Bano: कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
Bilkis Bano: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरानगुजरात सरकार की ओर से फाइलें नहीं दिखाने पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणियां की थी। कोर्ट ने कहा था कि सरकार दोषियों को छोड़ने का कारण बताएं? 11 दोषियों को सजा में छूट को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और गुजरात सरकार से जवाब मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मामले में दोषियों की रिहाई के आधार वाले दस्तावेजों को लेकर सवाल किया था।
मालूम हो कि पिछले साल 15 अगस्त 2022 को गुजरात सरकार ने एक कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बिलकिस बानो केस के दोषियों को समय से पहले रिहा कर दिया था। इसके बाद बिलकिस बानो ने 30 नवंबर 2022 को इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायर की थी।
मामले में गुजरात सरकार ने कैदियों की रिहाई के समर्थन में हलफनामा दिया था। गुजरात सरकार ने हलफनामे में कहा कि कैदियों की रिहाई में पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है।
Bilkis Bano:कोर्ट ने कहा- सेब की तुलना संतरे से कैसे?
Bilkis Bano:सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जहां एक गर्भवती महिला के साथ गैंगरेप किया गया।उसके 7 रिश्तेदारों की हत्या कर दी गई। ऐसे में आप सेब की तुलना संतरे से कैसे कर सकते हैं? आप एक व्यक्ति की हत्या की तुलना सामूहिक हत्या से कैसे कर सकते हैं? यह एक समुदाय और समाज के खिलाफ अपराध है। हमारा मानना है कि आप अपनी शक्ति और विवेक का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए करें। दोषियों को रिहा करके आप क्या संदेश दे रहे हैं?
क्या है पूरा मामला?
साल 2002 में गोधरा कांड के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप किया गया था।अचानक भड़के दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में रंधिकपुर गांव में भीड़ उग्र हो गई।आरोप है भीड़ जबरन बिलकिस बानो के घर में घुस गई। दंगाइयों से बचने के लिए 21 वर्षीय बिलकिस अपने परिवार के साथ एक खेत में छिपी थीं।बिलकिस 5 महीने की गर्भवती थीं।
दंगाइयों ने बिलकिस का गैंगरेप किया। उनकी मां और तीन और महिलाओं का भी रेप किया गया।उनके परिवार के लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराया गया था। पिछले साल 15 अगस्त को गुजरात सरकार ने सभी दोषियों को जेल से रिहाई मिल गई।
पीड़िता बिलकिस बानो ने 30 नवंबर 2022 को इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायर की थी। इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली और TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की थी।
हादसे के समय गर्भवती बिलकिस की उम्र महज 21 साल थी। दंगों में उनके परिवार के 6 सदस्य जान बचाकर भागने में कामयाब रहे। गैंगरेप के आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया था। जनवरी 2008 में CBI की स्पेशल कोर्ट ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपियों की सजा को बरकरार रखा था। आरोपियों को पहले मुंबई की आर्थर रोड जेल और इसके बाद नासिक जेल में रखा गया था। करीब 9 साल बाद सभी को गोधरा की सब जेल में भेज दिया गया था।
बिलिकस गैंगरेप केस में जानें कब क्या हुआ ?
- 28 फरवरी 2002 को गुजरात में दंगे भड़के
3 मार्च को बिलकिस और उनके परिवार पर अटैक
2004 में आरोपियों की गिरफ्तारी
21 जनवरी 2008 को कोर्ट ने 11 दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा
2018 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसले को रखा बरकरार
साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये मुआवजा, नौकरी और घर देने का आदेश गुजरात सरकार को दिया
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