Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो मामले में दोषियों को दी गई छूट को चुनौती देने वाले मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मंगलवार तक अगर गुजरात सरकार उम्रकैद के दोषियों की समय पूर्व रिहाई से जुड़े दस्तावेज कोर्ट में नहीं पेश करती तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।
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कोर्ट ने कहा कि हमारे बार बार कहने के बावजूद गुजरात सरकार उम्रकैद के दोषियों की समय पूर्व रिहाई से जुड़े दस्तावेज कोर्ट में नहीं पेश कर रहे हैं। इसके लिए आपके ऊपर अवमानना की कार्यवाही भी हो सकती है आपको दस्तावेज को उसके सामने रखने ही होंगे। वही ASG राजू ने कहा कि कई दस्तावेज गुजराती में हैं। और हमें पहले खुद उन दस्तावेजों को रिव्यू करना है। इस पर जस्टिस जोसफ ने कहा कि हमने आपको रिव्यू से कहां रोका है? आप हमारे सामने रिकॉर्ड लाइए।
कोर्ट ने कहा कि हम नोटिस का जवाब देने के लिए अभियुक्तों को समय देंगे लेकिन हम उनकी आजादी पर अंकुश नहीं लगाएंगे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा जिस तरह से अपराध किया गया वह भयानक है। उनमें से हर दोषी को 1000 दिन से अधिक का पैरोल मिला है। एक दोषी को तो 1500 दिन का पेरोल दिया गया। इस मामले में कोर्ट ने कहा जब आप शक्ति का प्रयोग करते हैं तो उसे जनता की भलाई के लिए होना चाहिए। आप चाहे जो भी हों? यह एक समुदाय और समाज के खिलाफ अपराध है।आप क्या संदेश दे रहे हैं?
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Bilkis Bano Case: आज बिलकीस है कल कोई और हो सकता है- SC
Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा कि आज बिलकीस है कल कोई और हो सकता है। राज्य को समाज की भलाई के लिए कदम उठाना चाहिए। इसके बाद SG ने कहा कि वह गुजरात सरकार से रिव्यू दाखिल करने या फिर दस्तावेज पेश करने पर निर्णय लेने का निर्देश लेकर सोमवार तक लेकर कोर्ट को अवगत कराएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार को एक मई तक का समय दिया जिसमे बताए कि वो रिहाई से जुड़े दस्तावेज मांगने के आदेश पर पुनर्विचार अर्जा दाखिल करेंगे या नहीं, इसपर सरकार अपना स्टेंड बताने के निर्देश के साथ मामले की सुनवाई 2 मई को तय कर दी।
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