Allahabad High Court ने जौनपुर की ओलांदगंज शाखा के प्रबंधक के खिलाफ एक मामले में जमानती वारंट जारी किया है।
जज द्वारा जारी वारंट में शाखा प्रबंधक को 23 दिसंबर तक पेश होने का आदेश दिया गया है। यह आदेश जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने रन्नू और रामफेर की याचिका पर दिया।
याचिका पर पीड़ित पक्ष की ओर से कोर्ट में अधिवक्ता आरएन यादव ने बहस की। कोर्ट ने पीड़ित पक्ष की सारी दलील सुनने के बाद बैंक को याची के लोन की पत्रावली पेश करने का निर्देश दिया और याची को याचिका की एक प्रति बैंक के वकील को देने को कहा था।
जब याचिका की प्रति बैंक के वकील अनादि कृष्ण नारायण को दी गई तो उन्होंने उसकी कापी नहीं ली। इसके अलावा वो पूरी सुनवाई से भी गैरहाजिर रहे।
हद तो तब हो गई जब सुनवाई पर कोर्ट में बैंक की ओर से भी कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं पहुचा।
इसके बाद कोर्ट ने बैंक और उसके वकील के व्यवहार पर नाराजगी दिखाते हुए उस आचरण को कोर्ट का अपमान माना और गंभीरता से लिया।
इसके बाद कोर्ट ने ओलांदगंज शाखा के प्रबंधक के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए अपनी कोर्ट में अगली सुनवाई में तलब किया है।
इससे पहले 26 जुलाई 2001 को कोर्ट ने याची के खिलाफ बैंक के लोन वसूली के आदेश पर रोक लगा रखी है। वहीं बैंक कोर्ट के किसी भी सवाल का जवाब भी नहीं दे रहा है।
ऐसे में जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने बैंक के व्यवहार को अनुचित माना और शाखा प्रबंध के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया।
इसे भी पढ़ें: लिव-इन रिलेशन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया अहम फैसला