Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रथम दृष्टया एक ही आपराधिक केस पर गैंगस्टर एक्ट लागू करना सही नहीं है। इस बाबत राज्य सरकार से जवाब मांगा है।कोर्ट ने तब तक याची की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। याचिका की अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।ये आदेश न्यायमूर्ति डा.केजे ठाकर तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने विनय कुमार गुप्ता की याचिका पर दिया है।
Allahabad HC: गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की वैधता को दी चुनौती
याचिका पर वकील अरविंद कुमार मिश्र ने बहस की।इनका कहना है कि खनन विभाग के लिपिक ने कौशांबी के करारी थाने में 1 जनवरी 21 को एफआईआर दर्ज कराई। जिसमें उसे 16 मार्च 21 को जमानत मिल गई। इसके बाद इसी केस के आधार पर 9 जून 22 को करारी थाने में गैंग्स्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। केवल एक केस पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की वैधता को चुनौती दी गई है।
Allahabad HC: प्रबंधक को कर्मकार मानकर जारी अवार्ड पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुपरवाइजरी कार्य करने वाले कंपनी प्रबंधक को औद्योगिक न्यायाधिकरण कानपुर नगर द्वारा कर्मकार मानकर जारी अवार्ड पर रोक लगा दी है। भारत सरकार और विपक्षियों से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।याचिका की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।
ये आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने एटीसी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की याचिका पर दिया है।याचिका पर वकील सुनील कुमार त्रिपाठी ने बहस की थी। इनका तर्क था कि विपक्षी ने अधिकरण में स्वीकार किया है कि वह प्रबंधक था। सुपरवाइजरी कार्य देखता था।
वकील का ये भी कहना है कि विपक्षी को कर्मकार की वेतन की वैधानिक सीमा से अधिक वेतन भुगतान किया जाता था। अधिकरण ने बिना कारण बताए विपक्षी को कर्मकार मानकर अवार्ड दिया है जो विधि सम्मत नहीं है। लिहाजा कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और 22 दिसंबर 21 को जारी अवार्ड पर रोक लगाते हुए जवाब मांगा है।
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