Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad HC) ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के खाली पड़े सीनियर लेवल पदों पर शीघ्र भर्ती करे। कोर्ट ने कहा कि यह इस कारण जरूरी है क्योंकि पदों पर नियुक्ति न होने से इसका सीधा असर मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों पर हो रहा है। यह आदेश जस्टिस आलोक माथुर ने याची डॉक्टर यासमीन उस्मानी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
Allahabad HC ने पूछा खाली पड़े पद क्यों भरे नहीं गए?
कोर्ट ने कहा कि इस आदेश की प्रति सरकार के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को मुख्य स्थाई अधिवक्ता के द्वारा उपलब्ध कराई जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि मेडिकल कालेजों में डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं। ऐसी समस्या वर्ष 2018 से है। मेडिकल कॉलेजों में सीनियर स्टाफ की कमी है। इस कमी को खत्म करने का कोई प्रयास नहीं किया गया।
याची ने याचिका दायर कर सरकार के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके द्वारा सप्ताह में 4 दिन मेडिकल कॉलेज मेरठ व दो दिन सहारनपुर में काम करने को कहा गया था। याची वर्तमान में शेख-उल-हिन्द मौलाना महमूद हसन मेडिकल कॉलेज सहारनपुर में बतौर प्रोफेसर रेडियो डायग्नोसिस कार्यरत हैं।
Allahabad HC ने याचिका को निस्तारित किया
सरकार के दोनों मेडिकल कॉलेजों में ड्यूटी करने के निर्देश को चुनौती देते हुए कहा गया था कि वह महिला है, दोनों जगह सप्ताह में काम करने से उसे परेशानी होगी। सहारनपुर से मेरठ की दूरी 150 किमी है। कहा गया था कि दोनों मेडिकल कॉलेजों में रेडियो डायग्नोसिस का केवल एक पद होने से परेशानी हो रही है। हाईकोर्ट ने डॉक्टर की याचिका को निस्तारित करते हुए निर्देश दिया है कि विभाग 4 सप्ताह में याची द्वारा दिए प्रत्यावेदन पर निर्णय ले और निर्णय से याची को सूचित करे।
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