Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य सेविकाओं को पक्का करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर प्रदेश के संयुक्त सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार स्तर के अधिकारी का जवाब मांगा है।कोर्ट ने पूछा पहले से कार्यरत मुख्य सेविकाओं के नियमित करने से कितना वित्तीय बोझ पड़ेगा,हलफनामे में इसकी भी जानकारी देनी होगी। निदेशक ने वर्ष 2018 में शासन को भेजे प्रस्ताव में यह कहा था,कि नियमितिकरण करने से कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।अब मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।
याची अनीता सिंह एवं 75 अन्य की याचिका दायर की थी।याची 2003 से ही बतौर मुख्य सेविका के रूप में काम कर रही हैं। साल 2018 में नियमितीकरण के लिए उन्होंने निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार के समक्ष प्रत्यावेदन भी किया था।निदेशक ने उसे शासन के समक्ष भेज दिया,लेकिन शासन ने इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया।शासन ने मुख्य सेविकाओं के 2693 पदों पर नई भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला।उसमें 126 पदों पर बतौर मुख्य सेविका काम कर रहीं याचियों के पद भी शामिल हैं।

Allahabad HC: वर्ष 2003 से कार्यरत हैं याची
Allahabad HC: याची वर्ष 2003 से ही बतौर मुख्य सेविका काम कर रही हैं।साल 2018 में नियमितीकरण के लिए उन्होंने निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार के समक्ष प्रत्यावेदन किया था।निदेशक ने उसे शासन के समक्ष भेज दिया,लेकिन शासन ने इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया।शासन ने मुख्य सेविकाओं के 2,693 पदों पर नई भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला।उसमें 126 पदों पर बतौर मुख्य सेविका काम कर रही याचियों के पद भी शामिल हैं।अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने इस बाबत कोर्ट को जानकारी दी।
याचियों की नियमितीकरण की मांग खारिज कर दी गई है,क्योंकि वे नियमितिकरण नियमावली -2016 के मानदंडों को पूरा नहीं कर रहीं हैं।इस संबंध में याचियों को सूचित भी कर दिया गया था।उन्होंने कहा कि याचियों की ओर से भर्ती प्रक्रिया को चुनौती नहीं दी गई
है।केवल अपने नियमितीकरण की मांग की गई है,जस्टिस संगीता चंद्रा की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई।
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