Allahabad HC ने चेक अनादर मामले में Prabhu Narayan Ram को मिली दो साल कैद की सजा व 9 लाख रुपये जुर्माने के आदेश पर रोक लगा दी और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर राज्य सरकार व विपक्षी पक्ष से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका (Revision Petition) की सुनवाई 8 फरवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी ने कानपुर नगर के प्रभु नारायण राम की पुनरीक्षण याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बहस की।
याचिका में परक्राम्य विलेख अधिनियम (Negotiable Instruments Act) के तहत गठित कोर्ट के पीठासीन अधिकारी व 14वें वित्त आयोग की सिफारिश पर गठित अपर सत्र न्यायालय फास्ट ट्रैक कोर्ट कानपुर नगर के आदेशों की वैधता को चुनौती दी गई है। जिसके तहत याचिकाकर्ता को चेक अनादर का दोषी करार देते हुए दो साल की कैद व 9 लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माने की राशि का 8 लाख 90 हजार शिकायतकर्ता को व 10 हजार सरकारी खजाने में जमा करने का आदेश दिया गया था।
Allahabad HC ने शिकायतकर्ता व राज्य सरकार से जवाब मांगा
मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना है कि इस बात का सत्यापन किये बगैर आदेश दिया गया है कि किस तारीख को लोन लिया गया और कब लोन वापस करने का आश्वासन दिया गया। याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता से कभी लोन ही नहीं लिया तो उसे चेक देने का सवाल ही नहीं है। अधीनस्थ अदालतों ने इस पर विचार नहीं किया कि क्या किसी वैध लेन-देन पर चेक जारी किया गया था, साथ ही याचिकाकर्ता ने जुर्माना राशि का 25 फीसदी अपीलीय अदालत में जमा कर दिया है। Allahabad HC ने पुनरीक्षण याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए शिकायतकर्ता व राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
इसे भी पढ़ें: Allahabad High Court ने Omicron खतरे को देखते हुए PM Modi से की अपील, यूपी विधानसभा चुनाव की रैलियों पर लगाएं रोक