Adani-Hindenburg Case: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अडानी-हिंडनवर्ग मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एएम सप्रे समिति के प्रमुख होंगे। CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने आदेश देते हुए कहा, “भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए, हमारा विचार है कि एक समिति होगी। समिति में श्री ओपी भट, न्यायमूर्ति जेपी देवदत्त, श्री नंदन नीलाकेनी, केवी कामथ और सोमशेखरन सुंदरसन सदस्य के रूप में शामिल हैं।” शीर्ष अदालत के फैसले का अडानी ने भी स्वागत किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि समय के साथ सच सामने आएगा।
Adani-Hindenburg Case: दो महीने के भीतर पेश करनी होगी रिपोर्ट
समिति को दो महीने के भीतर शीर्ष अदालत के समक्ष एक सीलबंद कवर में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। साथ ही सेबी ने जांच कराने को भी कहा है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “सेबी इस बात की भी जांच करेगा कि क्या सेबी के नियमों के एस19 का उल्लंघन हुआ है, क्या स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर हुआ है।” दो महीने के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जाएगी।
अडानी का अरबों डूबा
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ को भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है या नहीं, इसका विश्लेषण करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का आदेश पारित करना था। बता दें कि जब से हिंडनवर्ग की रिपोर्ट बाहर आयी है अडानी ग्रुप का लगभग $100 बिलियन से अधिक का नुकसान हुआ है।
यह भी पढ़ें:
- Adani Hindenburg Case: केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका, सीलबंद लिफाफे में विशेषज्ञों के नाम लेने से इनकार
- “मीडिया को रिपोर्टिंग से नहीं रोक सकते…”, अडानी- हिंडनबर्ग मामले में Supreme Court ने याचिका की खारिज