आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के निष्काशन मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि इस मामला को दोबारा एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल के पास भेजा जा रहा है ताकि वह फैसला लें कि इस मामले की सुनवाई वह खुद करेंगी या फिर डबल बेंच सुनेगी। दरअसल, मामले में शिकायतकर्ता प्रशांत पटेल ने अर्जी लगाई थी कि इस मामले को केवल डबल बेंच सुन सकती है।
आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के निष्काशन मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार (29 जनवरी) को तकरीबन आधे घंटे तक सुनवाई हुई और आधे घंटे तक केवल इस बात पर बहस होती रही कि सिंगल बेंच के कोर्ट को इस मामले को सुनने का अधिकार है या नही। आम आदमी पार्टी के निष्कासित विधायक कैलाश गहलोत के वकील केवी विश्वनाथन ने कोर्ट में दलील दी कि आप इस मामले को स्वीकार करें और मामले की सुनवाई के अधिकार आपके पास है, लिहाजा आप ही मामले को सुने। जाबकी जज विभू भकरू ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इस आदेश में साफ साफ लिखा हुआ है कोई भी मामला जो चुनाव से जुड़ा हुआ है। उसे डबल बेंच ही सुनेगी जाबकी चुनाव आयोग के वकील अमित शर्मा और केंद्र सरकार के वकील अनिल सोनी ने भी हाई कोर्ट से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इस मामले की सुनवाई डबल बेंच ही करे।
आफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में शिकायतकर्ता प्रशांत पटेल ने कोर्ट के सामने अर्जी लगाते हुए कहा था कि 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि कोई भी मामला जो पार्टी और चुनाव से जुड़ा हुआ है उसे डबल बेंच ही सुनेगी। इसी वजह से सोमवार को हाई कोर्ट के जज विभू भकरू ने मामले को नहीं सुना और दोबारा इस मामले को हाई कोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल के पास भेज दिया। अब कार्यवाहक मुख्य न्याय़ाधीश ने तय कर दिया है कि मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस चन्द्र शेखर की पीठ करेगी और मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी।