देश के सबसे बड़े सूबे में अपनी सरकार बनाने के बाद आदित्यनाथ योगी को जनता, हिंदी फीचर फिल्म नायक के अभिनेता अनिल कपूर की तरह समझ रही है। इसमें कुछ गलत भी नहीं है क्योंकि फिल्म नायक में अनिल कपूर ने एक दिन का सीएम बनकर अपने राज्य का तख़्तापलट कर दिया था, हालांकि वह एक फिल्मी कहानी थी। लेकिन असल राजनीति में दमदार जीत के बाद सीएम बने आदित्यनाथ योगी के काम की रफ्तार भी अनिल कपूर जैसी ही है। यूपी की काया पलट का खाका तैयार करने वाले नए मुख्यमंत्री ने सोमवार को लखनऊ के सौंदर्यीकरण के कार्यों का जायजा लिया। सबसे पहले वो गोमती रिवर फ्रंट का निरीक्षण करने पहुंचे। गोमती रिवर फ्रंट पर काम की प्रगति को लेकर बेहद गंभीर मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारियों को तलब किया।
योगी का एक्शन, अधिकारियों को लगाई फटकार
सीएम आदित्यनाथ योगी ने गोमती रिवर फ्रंट की अवस्था देखकर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। सीएम योगी ने प्रोजेक्ट पर हो रही कई तरह की फिजूलखर्ची पर नाराजगी जताई। इस मौके पर उनके साथ उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा समेत आधा दर्जन कैबिनेट मंत्री भी थे। मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, आशुतोष टंडन, बृजेश पाठक तथा मुख्य सचिव राहुल भटनागर भी थे। इस मौके पर रीता बहुगुणा सीएम को कुछ समझाती नजर आईं।
साबरमती रिवर फ्रंट के तर्ज पर गोमती रिवर फ्रंट का निर्माण
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के सीएम थे तो उन्होंने अहमदाबाद के साबरमती पर रिवर फ्रंट बनाया था। उसी की तर्ज पर अखिलेश सरकार ने गोमती नदी के तट पर रिवर फ्रंट बनाने की योजना तैयार की थी। समाजवादी पार्टी ने अपने कार्यकाल में 6 फरवरी 2015 को गोमती रिवर योजना की शुरूआत की गई थी। तीन हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर आधी रकम खर्च हो चुकी है। पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। 8.1 किमी लंबे रिवर फ्रंट को लंदन के टेम्स नदी की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। रिवर फ्रंट प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी के प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट में से एक है। सीएम आदित्यनाथ योगी और सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने उसे हाथोंहाथ लिया।
गोमती नदी के तट पर तेजी से चल रहे सौदर्यीकरण कार्य को तो पूरा होने की कई तारीख दी गई लेकिन ये काम अखिलेश सरकार जाने के बाद भी काम अधूरा है। इसी के मद्देनजर आदित्यनाथ योगी ने गोमती रिवर फ्रंट पर जाकर करीब 45 मिनट का समय बिताया, कार्यों का जायजा लिया और अधूरे कार्यों पर अधिकारियों को फटकार भी लगाई। योगी ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी कीमत पर गोमती में शहर के किसी भी नाले का पानी नहीं गिरना चाहिए।
1513 करोड़ खर्च के बाद गोमती बदसूरत
इस पर अब तक 1513 करोड़ खर्च भी हो गए लेकिन गोमती तट निखर नहीं पाया। कुल मिलाकर गोमती तट को संवारने की योजना जांच के घेरे में आ गई है। फ्रांस से मंगाया 40 करोड़ के फाउंटेन के दर्शन भी शहरवासी नहीं कर पाए हैं। पक्का पुल से लेकर गोमती बैराज तक मिट्टी के टीले ही नजर आते हैं। पौधा लगाने का काम भी अभी तक अधूरा ही है। सीएम ने अधिकारियों से परियोजना की समयसीमा के बारे में भी पूछा। उन्होंने गोमती नदी में फेंके जाने वाले नाले के पानी के सफाई के बारे में निर्देश देते हुए कहा कि गोमती की मूल महिमा बहाल की जाए।