भारतीय सेना में साल 2023 महिलाओं के लिए काफी शानदार रहा है। वीरता पुरस्कार प्राप्त करने से लेकर लड़ाकू इकाई में प्रमुख भूमिकाओं की जिम्मेदारी लेने तक महिलाओं ने इतिहास रच दिया है। अब साल खत्म होने वाला है और आज हम आपको 10 ऐसी महिलाओ के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने आर्मी, एयरफोर्स और नेवी में अपने काम से इतिहास रच दिया है।
Women who Created History in Indian Army:
लेफ्टिनेंट कमांडर प्रेरणा देवस्थली
लेफ्टिनेंट कमांडर प्रेरणा देवस्थली भारतीय नौसेना इतिहास बनाने के लिए तैयार है. नौसेना ने प्रेरणा देवस्थली को युद्धपोत की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी नियुक्त किया है। प्रेरणा देवस्थली वर्तमान में युद्धपोत आईएनएस चेन्नई पर प्रथम लेफ्टिनेंट के रूप में कार्यरत हैं।
कैप्टन शालिजा धामी
ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालने वाली पहली महिला वायु सेना अधिकारी बनीं है। शालिजा धामी 2003 में हेलीकाप्टर पायलट के रूप में वायुसेना में भर्ती हुई थीं और साल 2019 में वह वायु सेना में फ्लाइंग यूनिट के फ्लाइट कमांडर के पद पर प्रमोशन पाने वाली पहली महिला अधिकारी बनी थीं।
विंग कमांडर दीपिका मिश्रा
विंग कमांडर दीपिका मिश्रा भारतीय वायु सेना में वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं है। विंग कमांडर दीपिका मिश्रा ने 20 अप्रैल को भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से वीरता के लिए वायु सेना पदक भी प्राप्त किया है। उन्होंने 2021 में मध्य प्रदेश में बाढ़ के दौरान 47 लोगों की जान बचाने में मदद की थी।
कैप्टन शिवा चौहान
भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की कैप्टन शिवा चौहान को कठिन ट्रेनिंग के बाद इस साल 2 जनवरी को सियाचिन ग्लेशियर में तैनात किया गया। कैप्टन शिवा चौहान दुनिया की सबसे ऊंची युद्ध क्षेत्र सियाचिन में कुमार पोस्ट में ऑपरेशनल रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी हैं।
आर्टिलरी रेजिमेंट में पहली बार 5 महिला अफसर
लेफ्टिनेंट महक सैनी, लेफ्टिनेंट साक्षी दुबे, लेफ्टिनेंट अदिति यादव, लेफ्टिनेंट पियस मुदगिल और लेफ्टिनेंट आकांक्षा चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सेना की प्रमुख तोपखाने इकाइयों में शामिल हुईं। भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट में पहली बार 5 महिला अफसर तैनात हुईं है। आर्टिलरी रेजिमेंट भारतीय सेना की एक लड़ाकू शाखा है।
कर्नल सुनीता
इस साल नवंबर में कर्नल सुनीता सशस्त्र बल ट्रांसफ्यूजन सेंटर की कमान संभालने वाली पहली महिला बनीं है। सशस्त्र बल ट्रांसफ्यूजन सेंटर नई दिल्ली में स्थित है। कर्नल सुनीता को सशस्त्र बलों के सबसे बड़े रक्त आधान केंद्र, एएफटीसी के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है।
कैप्टन सुरभि जखमोला
117 इंजीनियर रेजिमेंट की भारतीय सेना अधिकारी कैप्टन सुरभि जखमोला को भूटान में सीमा सड़क संगठन के प्रोजेक्ट दंतक में तैनात किया गया था। वह सीमा सड़क संगठन (BRO) में विदेशी असाइनमेंट पर तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं।
मनीषा पाढ़ी
स्क्वाड्रन लीडर मनीषा पाढ़ी को पिछले महीने भारतीय सशस्त्र बल में भारत की पहली महिला सहायक-डी-कैंप (एडीसी) के रूप में नियुक्त किया गया था। इसी के साथ मनीषा पाढ़ी देश की पहली महिला एडीसी बन गईं।
कर्नल शुचिता शेखर
कर्नल शुचिता शेखर सेना सेवा कोर की पहली महिला अधिकारी हैं जिन्होंने कम्युनिकेशन जोन मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट बटालियन की कमान संभाली है। कर्नल शुचिता को इस साल जून में यह जिम्मेदारी दी गई थी।
गीता राणा
भारतीय सेना के कॉर्प्स ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड मकैनिकल इंजीनियर्स की कर्नल गीता राणा पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चे पर फील्ड वर्कशॉप को कमांड करने वाली भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी हैं।