Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर में पहलवानों का धरना एक महीने से ज्यादा वक्त तक चला। दरअसल बृजभूषण पर नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इसी सिलसिले में जंतर-मंतर से नई संसद की ओर महापंचायत करने जा रहे पहलवानों पर दिल्ली पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। नई संसद की ओर कूच करते पहलवानों को पुलिस ने जब रोका तब दोनों पक्षों के बीच बहस ने गंभीर रूप ले लिया जिसके बाद पुलिस पहलवानों को घसीटते हुए अपने साथ ले गई।

अब दिल्ली पुलिस ने आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर यह साफ किया है कि पहलवानों को अब जंतर मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। पुलिस का कहना है कि पहलवानों ने तमाम अनुरोधों के बावजूद कानून का उल्लंघन किया। इसलिए अब जंतर मंतर पर इस धरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर पहलवान किसी अन्य जगह प्रदर्शन की इजाजत मांगते हैं तो उसपर हम विचार करेंगे।
Wrestlers Protest: क्या बोले दिल्ली पुलिस के पीआरओ?
दिल्ली पुलिस के पीआरओ सुमन नलवा ने पहलवानों पर की गई कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा, “पुलिस द्वारा सभी को पहलवानों को शांतिपूर्वक तरीके से हिरासत में लिया गया था। अबतक पहलवानों ने हमसे जो कुछ मांगा हमने पूरा सहयोग किया। यह प्रदर्शन 38 दिन तक चला। हमारी ओर से खिलाड़ियों के साथ शुरुआत से ही कोऑपरेट किया जा रहा था। पहले भी इंडिया गेट जैसी संवेदनशील जगह पर कैंडल मार्च की इजाजत दी गई थी।
28 मई, एक महत्वपूर्ण दिन था। नई संसद का उद्घाटन किया जाना था। इसलिए उन्हें वहां इजाजत नहीं दी गई थी। बावजूद इसके पहलवान कानून का उल्लंघन कर नई संसद की तरफ बढ़े, उन्होने रास्ते में लगाए बैरिकेड तोड़े। हंगामा खड़ा करने की कोशिश की। इसलिए उन्हे हिरासत में लिया गया।”
किसी के साथ अभद्रता नहीं -दिल्ली पुलिस
खिलाड़ियों से अभद्रता किए जाने के आरोपों का पुलिस ने खंडन करते हुए कहा कि, “किसी महिला खिलाड़ी से अभद्रता नहीं हुई, उन्हें महिला पुलिस कर्मियों ने ही हिरासत में लिया। इतने बड़े खिलाड़ियों को खुद ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए था। अब अगर खिलाड़ी धरने की इजाजत मांगते है तो जंतर मंतर पर अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी और जगह ठीक लगा तब दिल्ली पुलिस इजाजत देगी।
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