आज विश्व फोटोग्राफी दिवस है। इस दिन की शुरुआत साल 2010 में हुई थी लेकिन कई कहानियां कहती हैं कि फोटोग्राफी दिवस की शुरुआत 9 जनवरी 1839 को हुआ था। फ्रांस के जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर ने 9 जनवरी, 1839 को फोटोग्राफी की एक तकनीक डॉगोरोटाइप प्रक्रिया को विकसित किया था। इसे दुनिया की पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया माना जाता है। 19 अगस्त, 1839 को फ्रांस की सरकार ने इस आविष्कार की घोषणा की थी और इसका पेटेंट भी प्राप्त किया था। इसी दिन की याद में ‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ यानी ‘विश्व फोटोग्राफी दिवस’ मनाया जाता है।

फोटोग्राफी दिवस के दिन कई बड़े आयोजन किए जाते हैं। इसमें दुनियाभर से फोटोग्राफर भाग लेते हैं। फोटोग्राफी दिवस की थीम भी रखी जाता है। इस बार इंस्टाग्राम पर 10 लाख हैशटैग बनाने के साथ Pandemic lockdown through the lens थीम रखी गई है। अब तक 6 लाग टैग बन चुके हैं। इसमें कोई भी कहीं से हिस्सा ले सकता है और इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीरों को पोस्ट कर सकता है।

इसका उद्येश्य दुनिया भर के फोटोग्राफर्स को ऐसी तस्वीर खींचने के लिए प्रोत्साहित करना है जिसमें पूरे विश्व की स्पष्ट और साझा झलक हो यानी इसका सामान्य सा उद्येश्य तस्वीरों के माध्यम से अपनी दुनिया को बाकी दुनिया से रूबरू कराना है। यह एक सालाना वैश्विक उत्सव है जिसमें फोटोग्राफी के इतिहास, इसकी कला, शिल्प और विज्ञान का प्रदर्शन किया जाता है।

आपको बता दें कि यह कोरोना काल में मनाया जाने वाला दूसरा विश्व फोटोग्राफी दिवस है इसलिए इस बार की थीम है Pandemic lockdown through the lens यानी लैंस के माध्यम से महामारी का लॉकडाउन।

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बात दें कि Homai Vyarawalla भारत की पहली महिला फोट जर्नलिस्ट हैं। उन्होंने पहली बार 1950 में तस्वीर को कैद किया था। उनकी पहली तस्वीर बॉम्बे क्रॉनिकल में प्रकाशित हुई जहां उन्हेें प्रत्येक छायाचित्र के लिए एक रुपया बतौर पारिश्रमिक प्राप्त होता था। 

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