World Hindi Day 2022: विश्व हिंदी दिवस पूरी दुनिया में आज मनाया जा रहा है। यह दिन हिंदी प्रेमियों के लिए काफी खास है। हिंदी का दुनिया में प्रचार प्रसार करने के लिए हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर हिंदी को स्थापित करने का काम किया जा रहा है। हिंदी दिवस के मौके पर दुनियाभर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
World Hindi Day 2022 पर जानें यह खास बातें

विश्व हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत साल 2006 में हुई थी। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने यूपीए के राज में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी। यह दिन दुनिया के हर भारतीय दूतावास में मनाया जाता है।
पहला हिंदी दिवस नॉर्वे के भारतीय दूतावास में मनाया गया था। तीसरा हिंदी दिवस नॉर्वे सूचना और सांस्कृतिक फोरम के तत्वाधान में लेखक सुरेश चंद्र की अध्यक्षता में आयोजित हुआ था।
बता दें कि राष्ट्रीय हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। हिंदी का प्रचार करने के लिए 10 जनवरी को हिंदी दिवस मनाया जाता है। पहला हिंदी दिवस सम्मेलन महाराष्ट्र के नागपुर में 10 जनवरी 1975 में आयोजित किया गया था।
जाहिर है भारत में कई तरह की भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन भारतीयों की पहचान हिंदी ही है। इसलिए हिंदी के लिए महापुरुषों का मानना है कि हिंदी की पहचान अंतरराष्ट्रीय अस्तर पर होनी चाहिए।
World Hindi Day 2022 पर पढ़ें महापुरुषों की राय

हिंदी हम सबकी भाषा है। जन-जन की भाषा है। हिंदी के लिए बड़े-बड़े विद्वानों ने समय-समय पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। आइए जानते हैं क्या कहते हैं हिंदी के लिए महापुरुष…..
- अगर हिन्दुस्तान को सचमुच आगे बढ़ना है, तो चाहे कोई माने या न माने, राष्ट्रभाषा तो हिंदी ही बन सकती है, क्योंकि जो स्थान हिंदी को प्राप्त है, वह किसी और भाषा को नहीं मिल सकता.. – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
- मैं उन लोगों में से हूं, जो चाहते हैं और जिनका विचार है कि हिंदी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है… -लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
- जिस भाषा में गोस्वामी तुलसीदास जैसे कवि ने कविता की हो, वह अवश्य ही पवित्र है और उसके सामने कोई भाषा नहीं ठहर सकती… – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
- हिंदी एक जानदार भाषा है… वह जितनी बढ़ेगी, देश का उतना ही नाम होगा… -प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू
- हिंदी भारतवर्ष के हृदय-देश स्थित करोड़ों नर-नारियों के हृदय और मस्तिष्क को खुराक देने वाली भाषा है… – आचार्य हज़ारीप्रसाद द्विवेदी
- जनता की बात जनता की भाषा में होनी चाहिए… – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
- इस समग्र देश की एकता के लिए हिंदी अनिवार्य है… – राजा राममोहन राय
- हिंदी को गंगा नहीं, बल्कि समुद्र बनना होगा… – आचार्य विनोबा भावे
- हिंदी ही उत्तर और दक्षिण को जोड़ने वाली समर्थ भाषा है… – अनन्त शयनम अयंगर
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