World Deadliest Earthquake: पड़ोसी देश नेपाल में 6.2 तीव्रता के भूकंप के बाद आज दिल्ली में झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप का केंद्र नेपाल बताया है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने एक बयान में कहा कि भूकंप की तीव्रता: 6.2 थी। भूकंप आज दोपहर 2 बजकर 51 मिनट पर आया। भूकंप का केंद्र नेपाल था।
इतिहास देखें तो दुनिया में इससे पहले भी कई ऐसे भूकंप आए, जब धरती कांपी और तबाही मच गई। इस रिपोर्ट के माध्यम से हम दुनिया के कुछ विनाशकारी भूकंप के बारे में जानेंगे।
World Top Earthquake: दुनिया के सबसे विनाशकारी भूकंप
मानव इतिहास में सबसे बड़ा भूकंप आज से 38 सौ साल पहले आया था, जिसको लेकर वैज्ञानिकों ने दावा किया है। चिली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डिएगो सालाजार के रिसर्च के अनुसार, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 9.5 थी। यह इतना खतरनाक था कि इससे 8 हजार किलोमीटर तक सुनामी आई थी। जहां ये भूकंप आया था अब उसे उत्तरी चिली कहा जाता है। इसके कारण सुनामी की 66 फीट लंबी लहरें उठी थीं। भूकंप की वजह जमीन के अंदर एक टेक्टोनिक प्लेट का टूटना बताया गया।
जब 10 मिनट तक हिली थी धरती
आधुनिक इतिहास में दुनिया के सबसे बड़े भूकंप में से एक है साल 1960 में चिली में आया भूकंप। इसकी तीव्रता 9.4 और 9.6 थी। यह भूकंप चिली के बायो-बायो क्षेत्र में आया था। इस दौरान करीब 10 मिनट तक धरती हिली थी। चिली में इस भूकंप से तब 6000 लोगों की जान गई थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस भूकंप से लगभग 300 से लेकर 700 करोड़ यूएस डॉलर का नुकसान हुआ था। इस भूकंप को वाल्डिया भूकंप के नाम से भी जाना जाता है।
बताया गया कि इससे प्रशांत महासागर में कई बार सुनामी आई। इस भूकंप का आने का कारण जमीन के अंदर टेक्टोनिक प्लेट का टूटना बताया गया, जिसकी लंबाई करीब 800 किलोमीटर थी।
उत्तरी अमेरिका में गुड फ्राइडे को आया था भूकंप
साल 1964 की बात है। दिन था गुड फ्राइडे। इस दिन उत्तरी अमेरिका में जोरदार भूकंप आया। ग्रेट अलास्कन भूकंप की तीव्रता 9.2 थी। करीब 5 मिनट तक यह भूकंप आया था। कहा जाता है कि इस भूकंप से तो मात्र 9 लोगों की मौत हुई लेकिन उसके बाद इसके परिणाम से आई दुनिया भर में सुनामी में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई। बताया जाता है कि इस भूकंप की वजह से सुनामी की लहरें अंटार्कटिका तक पहुंच गई थी और जापान, पेरू, न्यूजीलैंड, मेक्सिको के साथ-साथ कई क्षेत्रों में तबाही देखी गई।
गुजरात में भुज का भूकंप
साल 2001 में भारत के गुजरात में विनाशकारी भूकंप आया था। यह गुजरात के भुज क्षेत्र में आया था। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 मापी गई थी। इस भूकंप ने भूज में काफी तबाही मचाई थी। लगभग 20 हजार से अधिक लोगों की मौत इसमें हुई थी। भारी जानमाल की नुकसान हुई थी। लाखों लोग बेघर हो गए थे।
जब 14 देशों में मारे गए 2 लाख से अधिक लोग
दक्षिण एशिया के इतिहास में अब तक का सबसे विनाशकारी भूकंप साल 2004 में आया था। इसकी तीव्रता 9.1 थी। इसके कारण 100 फीट की सुनामी आई थी यानी समुद्र की लहरें 100 फीट ऊंची उठी थी। इसका केंद्र मतलब एपीसेंटर इंडोनेशिया के सुमात्रा में था लेकिन इसने भारत, थाईलैंड, इंडोनेशिया और श्रीलंका समेत अन्य देशों में भारी तबाही मचाई थी। इस भूकंप के कारण 14 देशों में लगभग 2 लाख 27 हजार लोगों की मौत हो गई थी। भारत में इससे करीब 42 हजार लोगों की जान गई थी। 10 हजार से अधिक परिवार पूर्वी तट से द्वीपों पर आई लहरों से बेघर हो गए थे।
साल 2015 में नेपाल का भूकंप
भारत के पड़ोसी देश नेपाल में साल 2015 में भारी तबाही मचाने वाला भूकंप आया था। इससे करीब 8 हजार से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई थीं। इस भूकंप के झटके को भारत, पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश के कुछ क्षेत्रों में महसूस किया गया था। इस भूकंप से भारत में भी कुछ मौत हुई थीं। भारत का पूर्वी क्षेत्र बिहार इससे काफी प्रभावित हुआ था क्योंकि इस प्रदेश की सीमा नेपाल से लगती है। साल 2015 का यह भूकंप नेपाल में साल 1934 में आए भूकंप के बाद सबसे बड़ी आपदा थी। वर्ष 1934 में इसी तीव्रता की भूकंप आया था, जिसमें तब 17 हजार लोगों की मौत हुई थी।
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