-Shweta Rai
Dhirendra Shastri: धीरेंद्र शास्त्री का नाम पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। आम हो या खास, धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में नामी लोग अपनी हाजिरी लगाते मिल जायेंगे और इस लिस्ट में कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी, कैलाश विजयवर्गीय, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और गिरिराज सिंह जैसे कई नामी लोग शामिल हैं, जो इस बाबा के दरबार में सजदा करते आपको मिलेंगे लेकिन सवाल अब ये है कि आखिरकार लोग इनके दरबार में आते क्यों हैं और क्यों बाबा विवादों से घिर रहे हैं ? उनके चमत्कारों को अंधविशवास क्यों कहा जा रहा है? ये जानने के लिये पहले इन बाबा का बैकग्राउंड जानना बेहद जरूरी है।
बागेश्वर बाबा धाम, जहाँ 26 साल के ‘बाबा’ धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री गद्दी पर विराजमान हैं औऱ रामभद्राचार्य जी महाराज को अपना गुरु बताते हैं। रामभद्राचार्य बचपन से ही नेत्रहीन हैं और उनके भक्तों में यूपी के मुखिया यानी सीएम योगी भी शामिल हैं। बागेश्वर बाबा धाम खजुराहो मंदिर से लगभग 35 किमी की दूरी पर एक गाँव है- गढ़ा, जहाँ साल 1996 में रामकृपाल और सरोज के घर धीरेंद्र पैदा हुए।
![Dhirendra Shastri](https://apnnews.in/wp-content/uploads/2023/02/dhirendra-shashtri3.jpg)
कहा जाता है कि धीरेंद्र स्कूल के लिए निकलते, लेकिन मंदिर पहुँच जाते। छोटी उम्र से ही धीरेंद्र की वेश भूषा अलग थी वो धोती-कुर्ता पहनते थे औऱ बेहद ग़रीब परिवार से थे अगर धीरेंद्र शास्त्री की वेबसाइट देखें तो पता चलता है कि उनका बचपन गरीबी में बीता। परिवार कर्मकांडी था और पूजा पाठ के दक्षिणा से जो मिल जाता उससे परिवार का पोषण होता। परिवार में कुल 5 लोग थे इनके तीन भाई-बहन हैं और धीरेंद्र सबसे बड़े हैं। बहन रीता गर्ग और शालीग्राम गर्ग धीरेंद्र के बहन और भाई हैं। बहन की शादी हो चुकी है और भाई आश्रम का काम देखते हैं।
धीरेंद्र की आठवीं तक की पढ़ाई गढ़ा के सरकारी स्कूल में हुई। धीरेंद्र के दादा सैतू लाल गर्ग भी पंडिताई करते थे। दादा से पंडिताई के गुण धीरेंद्र ने सीखे और कम उम्र से ही पंडिताई करने लगे। धीरेंद्र को अपनी पढ़ाई बचपन में छोड़नी पड़ी। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े गुरुदेव का बचपन परिवार के ख़र्चे उठाने में बीता। फिर एक दिन दादा गुरु के आशीर्वाद से बालाजी महाराज की सेवा में जुट गए।
गढ़ा में धीरेंद्र शास्त्री का जहाँ दरबार है, उसी के पास एक प्राचीन शिव मंदिर है। इसी मंदिर में एक संन्यासी बाबा होते थे, जिनकी विरासत और आशीर्वाद को आगे बढ़ाने की बातें धीरेंद्र शास्त्री करते हैं। इसी मंदिर परिसर में बालाजी का भी एक मंदिर है, जो नवनिर्मित लगता है , धीरेंद्र इस जगह से कुछ दूरी पर बैठते हैं।
![Dhirendra Shastri](https://apnnews.in/wp-content/uploads/2023/02/dhirendra-shashtri.jpg)
जब Dhirendra Shastri विवादों में आये
रायपुर में चल रही बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा के दौरान नागपुर में उन्हें चैलेंज मिला। पंडित शास्त्री ने कहा कि लोग उन्हें पाखंडी और अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाला कहते हैं। मैंने ऐसे लोगों को रायपुर आने का चैलेंज दिया था, यदि वे आए हों तो सामने आए। इसके बाद उन्होंने मीडियाकर्मियों से भीड़ में से किसी महिला को लाने कहा। इस महिला की समस्या का पर्चा उन्होंने पहले से लिख रखा था।
दरअसल नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता श्याम मानव ने कहा था कि धीरेंद्र शास्त्री अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं, अगर उनकी टीम से जुड़े लोगों के सवालों के जवाब वो दे पाए तो 30 लाख का ईनाम देंगे। खबर आई कि इस चैलेंज के बाद धीरेंद्र शास्त्री नागपुर से भाग गए थे। इसी के जवाब में शुक्रवार को धीरेंद्र शास्त्री ने रायपुर में दिव्य दरबार लगाया था। खुला चैलेंज किया कि श्याम मानव रायपुर आएं और देख लें कि वो कैसे लोगों की समस्या का समाधान बताते हैं।
आज के समय में धीरेंद्र शास्त्री का रुतबा भारत से लेकर विदेशों तक है। यही नहीं वो आज प्लेन और कई बार प्राइवेट जेट से चलते हैं और जब निकलते हैं तो दर्जनों गाड़ियों का काफ़िला साथ चलता है लेकिन ये सब संभव कैसे हुआ?
जब बाबा का दरबार चलता है तो श्रद्धालु धीरेंद्र से पर्चे में समस्या लिखने को कहते हैं और लिखे पर्चे, बताए सवाल और समाधान से भक्तों को संतुष्ट करते हैं।
धीरेंद्र के वीडियो यू-ट्यूब, वॉट्स ऐप औऱ संस्कार चैनल के ज़रिए बड़ी संख्या में हैं जिनपर उनके लाखों व्यूज़ और फ़ॉलोअर हैं। जब धीरेंद्र विवादों में घिरे तो रामदेव कहते है ”हर जगह पाखंड नहीं खोजना चाहिए।” बाबा बागेश्वर धाम के यू-ट्यूब चैनल के वीडियोज़ पर नज़र दौड़ाएँगे, तो वो सर्च और लोगों की सोच को ध्यान में रखकर बनाया गया है जिसके थम्बनेल काफी रोचक हैंऔर इसके 41 लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं।
![Dhirendra Shastri](https://apnnews.in/wp-content/uploads/2023/02/dhirendra-shashtri1.jpg)
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धीरेंद्र शास्त्री ताली बजाते हुये चुटीले अंदाज़ में दिखते हैं, पर्चे पर भक्तों के सवाल होते हैं। इन पर चमत्कार, नेताओं को आशीर्वाद, विवादित बयान, ज़मीन पर क़ब्ज़े के आरोप भी हैं। ये सनातन धर्म की बात बड़ी बड़ी करते हैं। धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में ‘हर रोज़ लगभग 10-15 हज़ार लोग आते हैं और जब गुरुदेव आतो हैं तो ये संख्या लाखों में बढ़ जाती है।
इनके दरबारों में पहुँचने की प्रक्रिया बड़ी रोचक है
वेबसाइट पर बागेश्वर धाम में कई बार खास मौके के लिये टोकन दिए जाते हैं और कमेटी महाराज के फ़ैसले के बाद श्रद्धालुओं को टोकन डाले जाने की तारीख़ बता दी जाती है। इस जानकारी के लिये सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल होता है या यूं कहे तकनीक का इस्तेमाल गुरुदेव व उनकी टीम अच्छे से जानती है टोकन पेटी में श्रद्धालुओं को अपना नाम, पिता का नाम, गाँव, ज़िला, राज्य, पिन कोड और फ़ोन नंबर लिखकर डालना होता है और जिसका टोकन निकलता है, उससे कमेटी संपर्क करती है और दिन व समय बता दिया जाता है। वेबसाइट में लिखा है कि हर भक्त को कम से कम पाँच मंगलवार पेशी करने का आदेश है औऱ इसके लिये कोई फीस नहीं ली जाती। ये प्रक्रिया निशुल्क है।
इसके अलावा बागेश्वर धाम की वेबसाइट पर कुछ और धर्मार्थ के काम करने का दावा करती है जैसे-गौरक्षा,ग़रीब लड़कियों की शादी,मंगलवार, शनिवार को भूखों के लिए भंडारा,पर्यावरण के लिए बागेश्वर बाग़ीचा,वैदिक गुरुकल बनाने की योजना जिसमें दान के आधे पैसे लगाये जाते हैं।
धीरेंद्र शास्त्री का अपने भक्तों को आकर्षित करने का तरीका भी अनोखा है। मसलन मंच पर बैठकर वह किसी दिलचस्प बात को कहने के फ़ौरन बाद ताली बजाते हैं औऱ जय राम बोलते हैं। धीरेंद्र शास्त्री हमेशा एक छोटी गदा लेकर चलते हैं। उनका कहना है कि इससे उन्हें हनुमान जी की शक्तियां मिलती रहती हैं। वह हनुमान जी की आराधना करने के लिए लोगों को प्रेरित भी करते हैं। धीरेंद्र शास्त्री भूत-प्रेतों का इलाज करने का भी दावा करते हैं और मंच से बुदबुदाते हुये फूंक मारते हैं।
कई बार वो श्रद्धालुओं से बात करते हुए बेरुख़ी भी दिखाते हैं। जब भीड़ से चिल्लाने की आवाज़ आती है तो वो मंच से ही उन लोगों को कहते हैं कि- इनको और चिमटे मारे जाएँ, जंजीर से जकड़ा जाए इन्हें। मंच से ही वो बार बार ये कहने की कोशिश करते हैं कि , ”हम कोई चमत्कार नहीं करते। ये बालाजी की कृपा है, जो करते हैं वो ही करते हैं। हम थोड़ी बता रहे हैं, बालाजी बता रहे हैं। ” धीरेंद्र शास्त्री श्रद्धालुओं के साथ-साथ और कई मुद्दों पर भी बात करते हैं। जैसे – सनातन धर्म क्या है, पठान से लेकर हिंदू राष्ट्र की बातें भी करते हैं।
23 जनवरी2023 को वो अपने बयान में कहते हैं, ”नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने नारा दिया था- तुम मुझे ख़ून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा। हमने आज भारत के इतिहास में नया नारा बनाया है- तुम मेरा साथ दो, हम हिंदू राष्ट्र बनाएँगे। भारत के लोगों अब चूड़ियाँ पहनकर घर में मत बैठो। ये केवल बागेश्वर धाम पर उंगली नहीं उठाई है, ये प्रत्येक सनातनी पर उंगली उठाई गई है।”
मई 2022 में धीरेंद्र शास्त्री के एक वायरल वीडियो में जब एक व्यक्ति गुरुदेव के पैर छूता है तो उसे रोककर कहते हैं, ”छूना नहीं हमें. अछूत आदमी हो…जय हो.” कई बार धीरेंद्र अपने मंचों से मुसलमानों को ‘घर वापसी’ की भी बात करते हैं।
धीरेंद्र शास्त्री के कौन से बयान सबसे विवादित रहे:-
• 33 करोड़ देवी देवता हैं तो चांद को पूजने की क्या ज़रूरत?
• कायर हिंदुओं उठ जाओ, जग जाओ। हथियार उठा लो। कह दो- हम सब एक हैं।
• सरकार कब तक गिराएगी बुल्डोज़र से… हिंदुओं को गिराना होगा।
• सब हिंदुओं एक हो जाओ और पत्थर मारने वालों के घर पर बुल्डोज़र चलवाओ।
जब उनपर अंधविश्वास का आरोप लगा तो वह कहते हैं हम अपने दरबार में किसी को बुलाते नहीं हैं। लोग खुद मर्जी से आते हैं। वह तो सिर्फ लोगों की अर्जियों को भगवान के सामने रखते हैं। बाकी सबकुछ भगवान की तरफ से ही होता है।
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