यह बात साल 1992 की है जब भारत की थल सेना और वायु सेना ने मिलकर परवाणू में एक केबल कार में सवार 10 पर्यटकों की जान बचाकर उन्हें सुरक्षित नीचे उतारा था। यह बात लगभग 29 साल पुरानी है। एक केबल कार में 10 पर्यटक चढ़कर घुम रहे थे। वो केबल कार धरती से 1300 फीट ऊपर थी। अचानक उस केबल कार में कोई समस्या आने के कारण 10 पर्यटक उस केबल कार में फंस गए थे। जिसके बाद भारतीय सेना के जवान, चंडीगढ़ से लगभग 35 किलोमीटर दूर परवाणू में उस केबल कार में फंसे 10 पर्यटकों को बचाने के लिए पहुंच गए।
बीते दिन भारतीय वायु सेना ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया था। इस पोस्ट में बचाए गए पर्यटकों की तीन तस्वीरें थीं। पहली तस्वीर में केबल कार दिखाई दे रही है। उस केबल कार के उपर टिम्बर ट्रेल परवाणू लिखा हुआ है। वहीं पोस्ट की दूसरी तस्वीर में दिख रहा है कि भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर उन पर्यटकों को ले जा रहे है। वहीं तीसरी तस्वीर में सभी लोग दिख रहे हैं।
Indian Air Force ने इस पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा कि “ऑपरेशन में भारतीय सेना के पैरा कमांडो द्वारा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हेलीकॉप्टर पायलटों द्वारा कुशल सटीक उड़ान का प्रदर्शन किया गया, जिन्होंने सभी दस लोगों को सुरक्षित रूप से हेलीकॉप्टर तक पहुंचाया।”
मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि उस समय भारतीय सेना में एक मेजर कर्नल इवान जोसेफ क्रैस्टो थे, और इस ऑपरेशन का निरीक्षण भी कर रहे थे। उस केबल कार में फंसे यात्रियों को बचाने के लिए, कर्नल क्रैस्टो को लटकी हुई केबल कार के ऊपर उड़ते हुए एक हेलीकॉप्टर से उतारा गया था। यह ऑपरेशन 48 घंटे में सफल हुआ और अधिकारी को कीर्ति चक्र से भी सम्मानित किया गया था।
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