लोगों को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले बापू की अहमियत वक्त के साथ शायद लोगों के दिलों में शायद धुंधली पढ़ती जा रही है। देश में वैसे भी महापुरूषों की प्रतिमाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हाल ही में देश के कोने-कोने से मूर्तियों के तोड़े जाने की कई खबरें सामने आई और अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को लोग कचरे के ढ़ेर में फेंक उनके मूल्यों की अहमियत को तार-तार कर रहें हैं। दरअसल, जमुई शहर के भछियार मोहल्ले के मूर्तिकार सुकदेव पंडित ने दो साल पहले बापू की प्रतिमा बनाई थी।

जब मूर्तिकार को ग्राहक नहीं मिला तो उन्होंने प्रतिमा को घर के सामने रख दिया। मंगलवार सुबह आठ बजे नगर परिषद के सफाईकर्मी ने प्रतिमा को कचरा उठाने वाली ट्रॉली में रखकर कचरे के ढेर में फेंक दिया। वहीं बाद में जब पुलिसकर्मियों की नजर इस पर पड़ी और वे इसे थाने ले आए। 

शहर के मूर्तिकार सुकदेव पंडित द्वारा दो साल पहले बनाई गई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का ग्राहक नहीं मिलने पर उन्होंने बापू की प्रतिमा को घर के सामने रख दिया था। मंगलवार को सुबह आठ बजे नगर परिषद के सफाईकर्मी ने बापू की प्रतिमा को कचरा उठाने वाली ट्रॉली में रखकर उसे श्यामा प्रसाद सिंह महिला कॉलेज (एसपीएसएम) के सामने कचरे के ढेर में फेंक दिया।

बुधवार की रात 11 बजे सदर थाने की पुलिस जब गश्ती करते हुए पुरानी बाजार मोहल्ले से गुजरी तो पुलिसकर्मियों की नजर कचरे में पड़े बापू की प्रतिमा पर पड़ी। पुलिसकर्मी उस भारी-भरकम प्रतिमा को उठाकर थाने ले आए। प्रतिमा प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी है।

सदर थानाध्यक्ष संजय विश्वास ने बताया कि अब तक प्रतिमा के बारे में कुछ विशेष जानकारी नहीं मिल पाई है। इस संबंध में वरीय अधिवक्ता शिशिर दुबे ने बताया कि महापुरुषों की प्रतिमा के साथ ऐसी हरकत शर्मनाक है और ऐसे करने वाले पर प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। वहीं इस घटना के बाद एक बार फिर महापुरुषों की प्रतिमा के साथ हो रहे खिलवाड़ पर सवाल उठने लगा है।

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