Kavach Technology: रेल मंत्री Ashwini Vaishnaw ने शुक्रवार को Hyderabad में ‘Kavach’ के कामकाज का जायजा लिया है। जो कि हमारे देश में ही विकसित एक Automatic Train Protection System है। बता दें कि ‘कवच’ SIL-4 प्रमाणित है जो safety certification का उच्चतम लेवल है। इस साल सरकार का लक्ष्य 2,000 किलोमीटर पर ‘कवच’ को लगाना है और आगामी वर्षों में हर वर्ष 4,000 से 5,000 किलोमीटर पर इसका क्रियान्वयन होगा। सरकार का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत की इस मिसाल को दुनिया के विकसित देशों में भी निर्यात किया जाएगा।

हैदराबाद में पत्रकारों से बात करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमारी भविष्य की योजना इसको जल्द से जल्द से शुरू करने और इसे अन्य देशों को निर्यात करने की है। इस साल हम इसे 2,000 किलोमीटर और आने वाले वर्षों में हर साल 4,000-5,000 किलोमीटर पर शुरू करेंगे। बता दें कि इस सिस्टम से अगर ट्रेन लाल सिग्नल की तरफ बढ़ेगी तो अपने आप स्लो होकर रूक जाएगी।
क्या है Kavach?
Kavach एक प्रकार की रेलवे की सुरक्षा करने वाली प्रणाली है। जिसको लागू करके भारतीय रेलवे का लक्ष्य है कि देश में एक भी रेल एक्सीडेंट ना हों। कवच को 160 किमी प्रति घंटे तक की गति के लिए approved किया गया है। कवच को ट्रेन कोलिशन अवॉइडेंस सिस्टम (TCAS) और ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) सिस्टम के रूप में भी जाना जाता है।

इस सिस्टम को रेल मंत्रालय के Research Design और Standards Organisation द्वारा विकसित किया है। इसमें कुछ और Organisations ने भी सहयोग किया है। बता दें कि यात्री ट्रेनों पर पहला फील्ड परीक्षण फरवरी 2016 में शुरू किया गया था।
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