दीदी के राज वाले राज्य पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद भी खबरों में छाया हुआ है। खबर कुछ अच्छी नहीं है बल्कि हिंसा से जुड़ी है। राज्य में 5 मई को हुई हिंसा को लेकर कई महिलाएं सुप्रीम कोर्ट पुहंच गई हैं। महिलाओं का आरोप है कि पति को कुलहाड़ी से काट दिया, वहीं 64 साल की अन्य महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पोते के सामने टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उसके साथ रेप किया।

एक अधिकारिक अंग्रेजी अखबार के अनुसार पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर में रहने वाली 60 वर्षीय महिला ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में बताया कि, 4 मई की रात को टीएमसी के गुडें उसके घर में जबरन घुस गए और उसके पोते के सामने ही उससे रेप किया। यही नहीं महिला ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर घर में लूट का भी आरोप लगाया है। यह मामला बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले का है। रिपोर्ट के मुताबिक महिला ने कहा कि टीएमसी की ओर से बदले के तौर पर रेप जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया है। 

पीड़ित महिला ने बंगाल पुलिस पर भी बड़ा आरोप लगाया है। याचिका में महिला ने बताया कि इस तरह की घटनाओं पर दीदी की पुलिस ध्यान नहीं देती है। यही कारण है कि राज्य में महिलाओं के साथ यौन हिंसा बढ़ रही है।

बता दें कि, इससे पहले 18 मई को भी सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया था। चुनाव के बाद हुई हिंसा में बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की हत्या के आरोप में यह अर्जी दाखिल की गई थी। अब अर्जी दाखिल करने वाली महिलाओं में से एक ने कहा कि उसके पति ने बीजेपी के लिए प्रचार किया था। उनकी पहचान की गई और टीएमसी के लोगों ने दिनदहाड़े उन्हें कुल्हाड़ी से मार दिया।

एक दलित युवती ने भी याचिका में अपनी आपबीती सुनाई है। 17 वर्षीय दलित लड़की ने बताया कि 9 मई को टीएमसी के लोगों ने उसके साथ रेप किया था और उसे जंगल में ही मरने के लिए छोड़ गए। यही नहीं लड़की ने दावा किया कि अगले दिन टीएमसी के नेता उसके घर आए और धमकी दी कि यदि वह मामले की शिकायत पुलिस में करेगी तो घर को आग के हवाले कर देंगे और परिवार को ही जान से मार देंगे। 

गौरतलब है कि बंगाल में हिंसा के बाद पलायन की खबरे सामने आरही हैं। इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और ममता सरकार से जवाब मांगा था। राज्य में अभी भी लोग घर छोड़ कर दूसरे राज्य जा रहे हैं।

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