चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आयोग ने एक अहम ऐलान किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वोटर वेरीफाइड ट्रेल सिस्टम (वीवीपैट) व्यवस्था को पूरी तरह से लागू किया जायेगा। इसके अलावा राजनीतिक दलों की ईवीएम से छेड़छाड़ के दावे को भी चुनाव आयोग द्वारा चुनौती दी गई। आयोग ने इस बैठक में फिर से दुहराया कि ईवीएम के साथ गड़बड़ी संभव नहीं है और अगर किसी को भी ऐसा लगता है तो वह साबित करके दिखाए। चुनाव आयोग ने इस कथित छेड़छाड़ को साबित करने के लिए राजनीतिक दलों को मौका देने की भी बात कही। हालांकि बैठक में इसके लिए किसी निर्धारित तिथि की घोषणा नहीं की गई।
इस बैठक में 7 राष्ट्रीय पार्टियों और 35 राज्य स्तरीय पार्टियों ने हिस्सा लिया, जिसमें चुनाव आयोग ने ईवीएम को लेकर अपना प्रजेंटेशन भी दिया। लेकिन फिर भी विपक्षी पार्टियों में ईवीएम को लेकर अविश्वास बना रहा। बसपा, आप, शिवसेना, राजद, भाकपा सहित कुल 16 दलों ने चुनाव आयोग को फिर से बैलेट पेपर पर लौटने कि अपील की। बैठक में शामिल बसपा के प्रतिनिधि सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि चुनाव में गड़बड़ी रोकने के लिए बैलेट पेपर का ही प्रयोग होना चाहिए। वहीं भाकपा के अतुल अंजान ने कहा कि जब विकसित देश ऐसी मशीनों से बच रहे हैं, तो हम क्यों इसे लेकर मोह में रहें। भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने भी ईवीएम का विरोध किया और कहा कि बाला साहेब ठाकरे ने ईवीएम को ख़त्म करने कि बात कही थी।
राजद की तरफ से हिस्सा लेने आए मनोज झा ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग चुनाव कि शुचिता और प्रतिष्ठा बचाने की बजाय एक मशीन की प्रतिष्ठा बचाने में लगा है। वहीं आप के मनीष सिसोदिया ने वीवीपैट व्यवस्था की घोषणा का स्वागत किया और कहा कि इसका प्रयोग सिर्फ विवादित स्थिति में नहीं बल्कि अनिवार्य होना चाहिए। उन्होंने ‘हैकाथान’ को भी जल्द से जल्द आयोजित करने की बात की।
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस मामले में कुछ भी खुल के नहीं बोल पा रही है। कांग्रेस का मानना है कि अगर लोग ईवीएम पर शंका जता रहे हैं तो उसे चुनाव आयोग द्वारा जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए। भाजपा ईवीएम और वीवीपैट व्यवस्था से पूर्ण रूप से संतुष्ट नजर आई। भाजपा के भूपेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार वीवीपैट व्यवस्था को उचित ढंग से लागू करने के लिए समय से धन उपलब्ध कराएगी।
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