इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जारी खूनी संघर्ष थम गया है। इजराइल सरकार और हमास अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, हर हाल पर इजराइल का अस्तित्व रहेगा। इजराइल को खत्म नहीं होने देंगे। उन्होंने आगे बताया, मध्य-पूर्व में इस्राइल के अस्तित्व को स्वीकार करना ही होगा। बाइडन ने इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष में ‘दो राष्ट्र नीति’ को ही समाधान का बेहतर विकल्प बताया।
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई-इन के साथ एक संयुक्त प्रेसवार्ता में बाइडन ने कहा कि अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन अब भी इस्राइल को ही है और यह पार्टी दो राष्ट्र नीति का समर्थन करती है। मध्य-पूर्व को लेकर अमेरिकी नीति में नाटकीय बदलाव के विश्लेषण पर बाइडन ने कहा, मैंने फलस्तीन प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास को स्पष्ट कर दिया था कि हम वेस्ट बैंक में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
बाइडन ने गाजा पुनर्निर्माण पर भी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि वे अन्य देशों के साथ मिलकर किसी पैकेज पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा, मैंने इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ हुई चर्चा में भी संकेत दिया था कि येरूशलम में सांप्रदायिक संघर्ष को रोकना बेहद जरूरी है।
बता दें कि, इजराइल और फिलिस्तीन लंबे समय से एक दूसरे का खून बहाते आए हैं। इस मुद्दे को कई बार सुलझाने की कोशिशि की गई लेकिन सभी देश विफल रहे। 10 मई से जारी संघर्ष को लेकर सभी देश फिलिस्तीन के साथ खड़े हैं। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति इजराइल के साथ खड़े हैं। बता दें कि, इजराइल का फिलिस्तीन पर कब्जा है। वहां पर इजराइल की सेना है। फिलिस्तीन सेना को हटाने की मांग कर रहा हैं।
अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा फिलिस्तीन ने 10 मई से जारी संघर्ष में 213 नागरिकों को खो दिया है वहीं इजराइल के 18 नागरिक मारे गए हैं। हालांकि अब दोनों देशों के बीच शांति है।