उत्तर प्रदेश में अब निजी स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी…उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शिक्षा शुल्क में सुधार को लेकर मंगलवार को कई बड़े फैसले लिए…. यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने प्रदेश में स्कूलों के लिए शुल्क नियंत्रण की नयी व्यवस्था लागू करने का ऐलान किया….इस दौरान उन्होंने बताया कि यूपी सरकार नया विधेयक लेकर आई है, जिसका नाम है उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषक शुल्क निर्धारण विधेयक. …इसमें तय किया है कि शुल्क की प्रक्रिया पारदर्शी होगी … किससे शुल्क लिया जाएगा ये तय किया गया है..

स्कूल रेजिस्ट्रेशन, एडमिशन, परीक्षा शुल्क समेत 4 शुल्क अनिवार्य होंगे…. जबकि बस, मेस, हॉस्टल जैसी सुविधाए वैकल्पिक होंगी…. विद्यालय शैक्षिक सत्र के 60 दिन पहले अलग अलग मदों के ख़र्च को डिस्प्ले करेगा… शुल्क प्रभार की रसीद भी देनी होगी …इस फैसले के लागू होने के बाद स्कूल अभिभावकों को किसी एक दुकान से कॉपी-किताब या बैग खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे… पांच साल से पहले स्कूल की ड्रेस नहीं बदली जा सकेगी. फिर भी अगर बेहद जरूरी है तो इसका फैसला मंडलायुक्त करेंगे….

अब से विवरण पुस्तिका शुल्क, प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क और सालाना शुल्क ही लिये जा सकेंगे….अगर कोई भी स्कूल नियम नहीं मानता है तो पहली बार 1 लाख, दूसरी बार 5 लाख और तीसरी बार नियम नहीं मानने पर मान्यता रद्द कर दी जाएगी….12वीं क्लास तक सिर्फ एक बार प्रवेश शुल्क लिया जाएगा…कैबिनेट के ये फैसले और ये सारी व्यवस्था साल 2018-19 में लागू होगी. लेकिन फीस व्यवस्था का आधार 2015-16 को ही माना जाएगा….

ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here