Farm Law को लेकर बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट (Central Cabinet) बैठक करने वाली है। इस बैठक में तीनों कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कैबिनेट के बैठक में कई बड़े नेता शामिल हो सकते हैं। बैठक में कानून को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी।
प्रस्ताव पर लगेगी मुहर
वैसे पीएम के इस ऐलान पर किसान नेताओं और विपक्षी दलों को भरोसा नहीं हो रहा है। प्रियंका गांधी भी कह चुकी हैं कि आपकी नियत पर भरोसा नहीं हो रहा है। वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश सिंह टिकैत ने भी कह दिया है कि पीएम को इतना मीठा नहीं होना चाहिए। उम्मीद है कि बिल वापसी की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद पीएम पर किसान और विपक्षी दल भरोसा कर लेंगे।
जाहिर है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुनानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) के मौके पर देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों (3 Farm Law) को वापस लेने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि इस माह के अंत मे होने वाले संसद सत्र में कानून वापसी की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि शायद हम किसानों को समझा नहीं पाए, इसलिए हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। बिल वावसी की घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने देश की जनता से माफी भी मांगी थी।
1 साल से कर रहे हैं आंदोलन
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ कई किसान संगठन 1 साल से भी ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन के दौरान पुलिस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच कई बार झड़प और धक्कामुक्की भी हुई है। यहां तक कि बीजेपी के कई बड़े नेताओं को भी किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा है। लखीमपुर खीरी की बात करें तो वहां पर जिन किसानों के साथ गाड़ी से कुचलने की घटना हुई वो भी कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन ही कर रहे थे।
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