हाथरस कांड़ को सभी राजनीतिक पार्टियां अपने – अपने तरह से भुना रही हैं। मामला किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है इसी बीच उत्तरप्रदेश की सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा खुलासा किया है।

सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी जांच में पाया कि, हाथरस के बहाने यूपी को जातीय दंगों की आग में जलाने की साजिश रची गयी। रिपोर्ट के मुताबिक एक फर्जी वेबसाइट रातों रात बनायी गयी और इसके ज़रिए जातीय दंगे कराने की साजिश रची गई।

सीएए एंगल

दंगे के एंगल में सीएए भी शामिल है। इस घटना के सामने आती ही सरकार के निशाने पर कई वेबसाइट आगई हैं। जस्टिस फॉर हाथरस जैसे सोशल मीडिया हैंडल पर कई आपत्तिजनक सामग्री आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी तहकीकात की, जिसमें पता चला एंटी सीएए के तर्ज पर हाथरस मामले को फैलाने की तैयारी हो रही थी।

सरकार का दावा है कि दंगा भड़काने वाली वेबसाइट पर कई तरह के निर्देश दिए गए थे जो कि कुछ इस तरह है।
– वैस्लीन, सनस्क्रीन, तेल ना लगाएं, इससे केमिकल का असर होगा
– कॉन्टेक्ट लैंस ना पहनें, केमिकल से आंखों को नुकसान हो सकता है
– गहने, टाई जैसी चीजें ना पहने, आसानी से पकड़े जा सकते हैं
– खुले और बड़े बाल ना रखें
– ब्रैंडेड कपड़े ना पहनें क्योंकि इससे पकड़े जाने का खतरा
– काले-ढीले कपड़े पहनें, पुलिस मोटे पतले की तलाश करेगी
– स्वीमिंग चश्में पहने जिससे आंखों को टियर गैस से बचा सकें
– पानी में भीगी पट्टी बांधे, इससे केमिकल से बचाव होगा
– पूरे शरीर को ढंक कर रखे जिससे मिर्ची पाउडर से बच सकें
– पैरों में स्नीकर पहनें, इससे भागने में आसानी रहेगी
– साइकिल हैट पहनें, टियर गैस से बच सकते हैं
– ग्लव्स पहनें, इससे गर्म टियर गैस को वापस भेज सकते हैं
– किसी भी घटना से पहले प्लान करें
– दंगा करने की जगह की पहचान करें
– जरूरत पड़ने पर कहां छिपना है, पहले से तय करें
– पुलिस को देखते ही गैस मास्क पहनें
– पुलिस की कार्रवाई का वीडियो बना लें
– अकेले ना जाएं, किसी रिश्तेदार या परिचित को साथ ले जाएं
– क्रेडिट कार्, एटीएम ना ले जाएं, कैश का इस्तेमाल करें

वेबसाइट हुई बंद

वहीं योगी सरकार ने भी दावा किया है कि जांच शुरू होती ही अचानक से ही ये वेबसाइट बंद हो गई। सरकार ने दावा किया है कि उनके पास वेबसाइट से जुड़े सभी कंटेंट मौजुद हैं। इसमें पीएफआई का नाम भी शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम खराब करने की साजिश

सरकार का दावा है कि, इस दंगे के जरिए पूर देश में योगी और पीएम मोदी के नाम की खिल्ली उड़ाने की साजिश थी। जस्टिस फॉर हाथरस नाम से रातों रात वेबसाइट तैयार हुई। वेबसाइट में फर्जी आईडी के जरिए हजारों लोग जोड़े गए।

यूपी सरकार का दावा है कि विरोध प्रदर्शन की आड़ में वेबसाइट पर देश और प्रदेश में दंगे कराने और दंगों के बाद बचने का तरीका बताया गया। मदद के बहाने दंगों के लिए फंडिंग की जा रही थी। फंडिंग की बदौलत अफवाहें फैलाने के लिए सोशल मीडिया के दुरूपयोग के भी सुराग मिले हैं। जांच एजेंसियों के हाथ वेबसाइट की डिटेल्स और पुख्ता जानकारी लगी है।

योगी सरकार के इस दावे को लेकर विपक्ष की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सरकार लगातार घिरती जा रही है।

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