बता दें कि आज तड़के सुबह करीब 4.30 बजे 3 आतंकियों ने मिलकर बीएसएफ के 182 बटालियन कैंप पर हमला कर दिया। आतंकी कैंपस के अंदर मौजूद एक बिल्डिंग में फायरिंग करते हुए घुस आए थे। तुरंत हरकत में आए जवानों ने आतंकवादियों पर जवाबी कार्रवाई शुरू करते हुए पूरे इलाके को घेर लिया। कई घंटों तक चले ऑपरेशन के बीद तीनों आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। हमले में बीएसएफ के एक एएसआई शहीद हो गए, जबकि दो जवान घायल हुए हैं।
हमले के बाद घटनास्थल पर भारी संख्या में सुरक्षाबल पहुंच गए थे। इस ऑपरेशन में सीआरपीएफ, 53 राष्ट्रीय राइफल्स, बीएसएफ और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के जवान शामिल थे। ऑपरेशन के दौरान सभी वाहनों और यात्रियों को एयरपोर्ट की तरफ जाने से रोक दिया गया। यहां तक कि एयरपोर्ट के कर्मचारियों को भी एयरपोर्ट नहीं जाने दिया जा रहा था।
गौरतलब है कि इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, खुद को जैश का स्पोक्सपर्सन बताने वाले शख्स ने मीडिया को फोन कर इस बात की जानकारी दी। वहीं इस हमले को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई है।
फिलहाल हालात सेना के काबू में है। यात्रियों को एयरपोर्ट की ओर जाने के लिए रास्ता खोल दिया गया है। यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए जांच के बाद उन्हें एयरपोर्ट में प्रवेश दिया जा रहा है। अभी उड़ानें शुरू होने की सूचना नहीं है। हालांकि इलाके में सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है।
बता दें कि सोमवार को ही भारतीय थलसेना ने जम्मू-कश्मीर में दो आतंकी हमलों को नाकाम कर दिया था। सेना ने पहले बारामुला जिले के रामपुर सेक्टर और कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की दो कोशिशों को नाकाम कर दिया था और इस दौरान पांच आतंकवादियों को मार गिराया गया था। अंततः जानकारों का भी यही मानना है कि आतंकवादी ऐसी घटनाओं को सेना की कार्यवाहियों से बौखला कर अंजाम दे रहे हैं।