उच्चतम न्यायालय ने मेघालय के अवैध कोयला खदान में 13 दिसंबर से फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाये जा रहे बचाव अभियान को अपर्याप्त मानते हुए गुरुवार को नाराजगी जतायी। न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सिकरी और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि अवैध कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों को निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अब तक उठाए गए कदम संतोषजनक नहीं है। पीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि इन लोगों को निकालने में वह सफल क्यों नहीं रही।
राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि उन्होंने बचाव अभियान के लिए पर्याप्त कदम उठाये हैं और केंद्र भी उनकी सहायता कर रहा है। इस पर पीठ ने कहा, “हम संतुष्ट नहीं हैं। यह उन 15 फंसे हुए खदान मजदूरों के जीवन-मरण का सवाल है।”न्यायालय ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मामले में शुक्रवार तक जवाब देने को कहा और मामले की सुनवाई कल तक के लिए मुल्तवी कर दी।
मेघालय के पूर्वी जयंतिया पर्वतीय जिले में पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित इस खदान में पास की लितेन नदी का पानी भर गया था जिसके बाद खदान में काम कर रहे मजदूर अंदर ही फंस गए थे।
-साभार, ईएनसी टाईम्स