गाजियाबाद स्थित मुरादनगर में रविवार को बड़ा हादसा हो गया। 60 लाख की लागत से बनी श्मशान घाट का प्रवेश द्वार गिरने से करीब 25 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 15 लोग बुरी तरह जख्मी हैं। मलबे में कई लोगों के दबे होने की खबर है।
एनडीआरएफ, पुलिस और पीएसी ने करीब पांच घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने में जुटी हैं। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। श्मशान घाट की इस द्वार का 2 महीने पहले ही उद्घाटन हुआ था। मालूम पड़ता है कि इस घटना के पीछे बड़ा घोटाला शामिल है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश देते हुए रिपोर्ट तलब की है। प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने और घायलों के उचित इलाज कराने की घोषणा की है।

पुलिस-प्रशासन ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने दिल्ली-मेरठ हाईवे पर मुरादनगर से गाजियाबाद की ओर जाने वाले ट्रैफिक को रोककर एंबुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया। मुरादनगर बंबा श्मशान से घायलों को लेकर सीधे यशोदा अस्पताल, सर्वोदय अस्पताल और जिला एमएमजी अस्पताल पहुंचा गया। कॉरिडोर के कारण किसी भी एंबुलेंस को जाम में नहीं अटकना पड़ा। 30 से 35 मिनट में एंबुलेंस अस्पताल तक पहुंच गईं।
बता दें कि, मुरादनगर के उखलारसी गांव में रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग जयराम का रविवार को देहांत हो गया। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए सुबह 10.30 बजे मोहल्ले के 50 लोग इकट्ठा हुए। अंतिम संस्कार के दौरान बारिश होने के कारण अधिकांश लोग श्मशान घाट के प्रवेश द्वार पर बने 70 फीट लंबे गलियारे में खड़े थे। अंतिम संस्कार पूरा होने के बाद करीब 11:30 बजे इस गलियारे में दो मिनट के मौन के लिए सभी लोग जमा हुए। इसी दौरान गलियारे की छत भरभरा कर गिर गई। कुछ लोग बाहर निकल गए थे, लेकिन करीब 40 लोग मलबे के नीचे दब गए।

करीब 15 दिन पहले ही श्मशान घाट की शटरिंग खोली गई थी। इससे पहले लोगों का आवागमन इसके बगल में लगे श्मशान घाट के छोटे गेट से हो रहा था। शटरिंग खुलने के बाद इस गेट से लोगों का आवागमन शुरू हुआ था।