जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा इलाके में दहशतगर्दों ने छुट्टी पर गए बीएसएफ जवान मोहम्मद रमजान पारे (33 वर्ष) को उनके घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। यह घटना बांदीपोरा जिले के हाजिन की है। जम्मू-कश्मीर के पुलिस चीफ एसपी वैध ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि तीन से चार आतंकी 33 वर्षीय मोहम्मद रमजान पारे के घर में घुसे और अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरु कर दी। जिसमें बीएसएफ जवान रमजान पारे की मौत हो गई जबकि उनके परिवार के चार लोग घायल हो गए।
बता दें कि रमजान 26 अगस्त 2017 से लगातार 37 दिनों की छुट्टी पर थे। मोहम्मद रमजान पारे बीएसएफ में कांस्टेबल के पद पर बारामुला में तैनात थे। उन्होंने 2011 में बीएसएफ ज्वाइन की थी। बताया जा रहा है कि लश्कर के कुछ आतंकवादी रात करीब 10 बजकर 05 मिनट पर रमजान पारे के घर पहुंचे और उन्हें बाहर आने को कहा। जब रमजान के परिजनों ने विरोध किया और उन्हें बाहर नहीं आने दिया तो आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। जिसमें बीएसएफ जवान रमजान पारे की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उनके परिवार के चार लोग घायल हो गए जिसके बाद उन्हें श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वहीं इस मामले पर बीएसएफ ने कहा कि आतंकियों ने पारे की कायरता पूर्वक हत्या की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभी यह स्पष्ट नहीं है की किस आतंकवादी संगठन का पारे की हत्या के पीछे हाथ है लेकिन हाजिन में लश्कर-ए-तैयबा कैडर्स का बहुत ही मजबूज अस्तित्व है।
गौरतलब है कि बीएसएफ ने पिछले कुछ महीनों में दो एडवाइजरी जारी कर घाटी के जवानों को घर जाने पर सावधानी बरतने को कहा था। पहली एडवाइजरी एक बीएसएफ अधिकारी को धमकी मिलने के बाद जारी की गई थी। दूसरी एडवाइजरी लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या के बाद जारी हुई थी।
वैसे यह कोई नई घटना नहीं है। इसी साल नौ मई को कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले सेना के अधिकारी उमर फैयाज का आतंकवादियों ने अपहरण किया था और गोली मारकर हत्या कर दी थी।
हालांकि पिछले कुछ दिनों में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं। पहले घाटी में सरहद और ग्रामीणो इलाकों से आने वाले कई कश्मीरी युवा जो सेना और पेरामिलिट्री फॉर्स में देश के लिए सेवा देते थे उन युवाओं को आतंकी अपना निशाना नहीं बनाते थे। लेकिन अब काफी बदलाव आ गया है और आतंकी घाटी के सेना जवानों को भी अपना निशाना बनाने लगे हैं।