Tata Group के Diwali ऐड पर मचा बवाल, #NoBindiNoBusiness हुआ ट्रेंड, जानें बिंदी का महत्व

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No Bindi No Business
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दीवाली (Diwali) आने वाली है। देशभर में 4 नवंबर को दीवाली मनाई जाएगी। यह हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। इस त्योहार को ध्यान में रखते हुए बड़े-बड़े ब्रांड कपड़ो, जूलरी अन्य परिधानों का प्रचार कर रहे हैं। सड़क पर जहां नजर घुमाओ वहां पर ऐड के होर्डिंग दिख जाएंगे। इन तस्वीरों में प्रचार तो दीवाली के लिए किया जा रहा है लेकिन किसी भी तस्वीर में हिंदू त्योहार की झलक नहीं दिख रही है।

कौन है टारगेट ऑडियंस?

टाटा ग्रुप द्वारा दिखाए गए ऐड को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया है। सोशल मीडिया पर #NoBindiNoBusiness #SaveHindus ट्रेंड करने लगा है। दरअसल टाटा ग्रुप के CLiQ Luxury द्वारा दिखाए गए ऐड में दो मॉडल दिख रही हैं, दोनों ही मॉडल हरे रंग के सूट सलवार में दिख रही हैं। टाटा प्रचार तो दीवाली के लिए कर रहा है लेकिन इस तस्वीर को देखकर अंदाजा कतई नहीं लगाया जा सकता है कि इनकी टारगेट ऑडियंस कौन है।

सोशल मीडिया यूजर कह रहे हैं कि दीवाली प्रकाश का त्योहार है। इस तस्वीर में मॉडलों को इस तरह बैठाया गया है कि मानो वो शोक मना रहीं हैं। उनके माथे पर एक बिंदी तक नहीं है। बिना बिंदी के यह त्योहार अधूरा लगता है। टाटा द्वारा प्रदर्शित किए गए इस ऐड को लेकर विवाद हो रहा है। लोग कह रहे हैं कि हिंदुओं के लिए प्रचार किया जा रहा है तो उसमें हिंदुओं की झलक क्यों नहीं दिख रही है।

बिंदी के बिना श्रृंगार रहता है अधूरा

जिस बिंदी को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है उसे हिंदू धर्म में सिर्फ सुंदरता के लिए ही नहीं लगाते हैं बल्कि इसके कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। हिंदू धर्म में बिंदी के बिना किसी इभी महिला का श्रृंगार अधूरा लगता है। बिंदी समय के साथ मॉर्डन जरुर हो गई है लेकिन उसका स्थान वहीं है। वक्त के साथ बिंदी का रंग रुप बदला है पर उसका स्थान नहीं बदला है।

जानें बिंदी का महत्व

तिलक और बिंदी हमेशा ललाट यानी मस्तक के बीचों-बीच लगाई जाती है।  इस स्थान पर आज्ञा चक्र होता है। 

जब इस स्थान पर तिलक लगाते हैं तो वह जागृत हो जाता है। 

आज्ञा चक्र को ही विचारों की उत्पत्ति का केंद्र माना जाता है। 

यहीं से क्रियात्मक चेतना का संचार समूचे मस्तिष्क में होता है। 

तिलक लगाने से एकाग्रता भी बढ़ती है और पॉजिटिव विचार मन में आते हैं।

मेडिकल साइंस के अनुसार, माथे के बीच में पीनियल ग्रन्थि होती है। जब यहां तिलक या बिंदी लगाई जाती है तोये ग्रंथि तेजी से काम करने लगती है।

चंदन का तिलक लगाने से दिमाग में शीतलता बनी रहती है और मन की एकाग्रता बढ़ती है।

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