A Raja Controversy : तमिलनाडु सत्ताधारी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नेता ए राजा एक बार फिर अपने विवादित बयानों के चलते एक बार फिर सुर्खियों में आ चुके हैं। डीएमके नेता ने अपने हालिया बयान में एक बार फिर तमिल देश का राग छेड़ दिया है। उन्होंने कहा, ‘ तमिल,मलयालम और उड़िया भाषाएं और तमिलनाडु, केरल और उड़ीसा राष्ट्र हैं… भारत एक देश या राष्ट्र नहीं है, बल्कि एक उप-महाद्वीप है।’ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ए राजा ने यह बयान शनिवार (3 मार्च) को तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के जन्मदिन पर कोयम्बटूर में हुई एक सभा में दिया।
डीएमके नेता का विवादित बयान ऐसे व्यक्त पर आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने डीएमके मंत्री और तमिलनाडु सीएम एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म को लेकर विवादित टिपण्णी देने पर सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी। बीते दिन यानी सोमवार (4 मार्च, 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि याचिककर्ता (उदयनिधि) एक आम आदमी नहीं हैं बल्कि एक राजनेता हैं, उन्हें नतीजों का एहसास होना चाहिए था। बता दें, उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी। जिसके बाद देश के कई राज्यों में स्टालिन के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे। जिसके बाद उदयनिधि ने इन सभी मामलों को एक साथ जोड़ने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की।
ए राजा ने अपने बयान में क्या-क्या कहा?
ए राजा ने भारत को देश मानने से इनकार करते हुए अपने बयान में कहा, ”भारत कभी एक राष्ट्र था ही नहीं। एक राष्ट्र का अर्थ है एक भाषा, एक परंपरा और एक संस्कृति। भारत एक राष्ट्र नहीं, बल्कि एक उपमहाद्वीप है।”
डीएमके नेता ने अपनी बात समझाते हुए आगे कहा कि यहां तमिल एक भाषा और तमिलनाडु एक देश है। मलयालम एक भाषा और केरल एक राष्ट्र है। उड़िया भी एक भाषा और उड़ीसा एक देश है। ये सभी राष्ट्र मिलकर भारत को बनाते हैं तो भारत एक राष्ट्र या देश नहीं, बल्कि यह एक उपमहाद्वीप है।
‘हर राज्य की संस्कृति अलग’- ए राजा
ए राजा ने भारत के राज्यों की अलग-अलग संकृतियों की बात करते हुए कहा, ” भारत में बहुत सारी परंपराएं और संस्कृतियां हैं। तमिलनाडु की बात करें तो वहां की एक संस्कृति है। दिल्ली में अलग संस्कृति है। केरल में एक और संस्कृति है। वहीं, उड़ीसा में एक और संस्कृति है।”
‘मणिपुर में कुत्ते का मीट खाया जाता है… तो आपको क्या समस्या है?’- ए राजा
उन्होंने आगे कहा, “मणिपुर में कुत्ते का मीट खाया जाता है, क्यों। हां, वो खाते हैं। ये कल्चर है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। ये सब हमारे दिमाग में है। कश्मीर में अलग कल्चर है। इसे आपको मानना होगा। अगर कोई समुदाय बीफ खाता है, तो आपको क्या समस्या है? उसने आपको खाने को कहा क्या? अनेकता में एकता है। हम सब अलग हैं। इस बात को मान लीजिए।”