Swami Prasad Maurya: उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने इस्तीफा दे दिया है और वे अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। इस बीच खबर है कि वे कुछ और विधायकों को अपने साथ ले जा सकते हैं।
Swami Prasad Maurya ने अपने इस्तीफे में क्या कहा?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने इस्तीफे में लिखा, “अलग विचारधारा के बावजूद, मैंने योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में समर्पण के साथ काम किया। लेकिन दलितों, ओबीसी, किसानों, बेरोजगारों और छोटे व्यापारियों के घोर उत्पीड़न के कारण, मैं इस्तीफा दे रहा हूं।”
इस्तीफा सामने आने से पहले ही उन्होंने अखिलेश यादव से मुलाकात की और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। मालूम हो कि मौर्य, एक कद्दावर ओबीसी नेता हैं और कई बार विधायक रहे हैं।
मामले में यूपी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मैं नहीं जानता हूं। उनसे अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं।
मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छोड़ने के बाद वे 2016 में भाजपा में शामिल हो गए थे। 22 जून 2016 को, मौर्य ने BSP द्वारा चलाए जा रहे “टिकट के लिए पैसे” सिंडिकेट का आरोप लगाते हुए सभी पार्टी पदों से इस्तीफा दे दिया था, इस दावे को बाद में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उसी दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खारिज कर दिया था। मौर्य पूर्वी उत्तर प्रदेश के पडरौना से भाजपा विधायक हैं।
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