Surrogacy के जरिए नहीं बन सकेंगे माता-पिता, President ने Surrogacy Regulation Act 2021 को दी मंजूरी

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Surrogacy
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किराए की कोख ( Surrogacy ) का धंधा करने वालों पर रोक लगाने के लिए सेरोगेसी (Surrogacy) (विनियमन) अधिनियम 2021 (Surrogacy (Regulation) Act 2021) को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने मंजूरी दे दी है। नए कानून के तहत सेरोगेसी को वैधानिक मान्यता देने और इसके व्यवसायीकरण को गैरकानूनी बनाने का प्रावधान किया गया है।

Surrogacy के नियम

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बता दें कि सेरोगेसी के तहत नाबालिग बच्चियों को इस धंधे में उतारा जा रहा है। उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। केंद्र द्वारा लाए गए इस नए कानून के तहत बड़ी संख्या में सेरोगेसी के हो रहे दुरुपयोग पर रोक लगेगा। कानून के तहत महज मातृत्व प्राप्त करने के लिए सेरोगेसी की अनुमति दी जाएगी।

इसके साथ ही इस कानून के जरिए सेरोगेट मां को गर्भ की अवधि के दौरान चिकित्सा खर्च और बीमा कवरेज के अलावा कोई और वित्तीय मुआवजा नहीं दिया जा सकेगा। पहले सेरोगेसी के लिए लोग ज्‍यादा से ज्‍यादा खर्च किया करते थे, जिसके कारण सेरोगेसी को आर्थिक लाभ या अन्‍य लाभ के लिए अपनाया जाने लगा था।

Surrogacy के लिए देनी होगी मेडिकल रिपोर्ट

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सेरोगेसी की अनुमति तब ही दी जाएगी जब संतान की चाह रखने वाला जोड़ा यह मेडिकल रिपोर्ट में साबित कर देगा कि वह बांझपन का शिकार है। इस कानून की मदद से बच्चा पैदा करने और बेचने वाले धंधे को बंद किया जा सकेगा। सेरोगेसी के तहत महिलाओं से वेश्यावृत्ति भी करायी जाती है। (Surrogacy (Regulation) Act 2021) जल्द ही इन पर रोक लगाने वाला है।

सेरोगेसी (विनियमन) अधिनियम 2019 को 17 दिसंबर को राज्यसभा से पारित करा लिया गया था। उस समय विपक्ष के हंगामे के बीच इसे सदन में ध्‍वनिमत से मंजूरी दे दी गई थी। लोकसभा में ये बिल पहले ही पारित हो गया था।

क्या है Surrogacy?

सेरोगेसी बच्चा पैदा करने की एक नई तकनीक है। इस तकनीक के तहत दंपती किसी शारीरिक कमजोरी या फिर बच्चा पैदा करने की चाह न रखने वाले लोग सेरोगेसी के जरिए माता-पिता बन सकते हैं। सेरोगेसी (Surrogacy) में किसी महिला के गर्भ को किराए पर लिया जाता है। गर्भ को किराए पर लेने के बाद आईवीएफ के जरिए शुक्राणु को सेरोगेट मदर के गर्भ में डाला जाता है। किराए पर कोख देने वाली महिला को सेरोगेट मदर कहा जाता है। किराए पर कोख लेने वाली महिला और दंपती के बीच एक खास एग्रीमेंट किया जाता है। सरोगेट मदर को प्रेग्नेंसी के दौरान अपना ध्यान रखने और मेडिकल जरूरतों के लिए पैसे दिए जाते हैं।

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