Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालय बनवाने के लिए ट्रस्ट द्वारा अधिगृहीत की गई जमीन सरकार को वापस लौटाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। इस मामले पर आदेश जारी करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रस्ट से 12.5 एकड़ जमीन को छोड़कर बाकी 450 एकड़ से ज्यादा जमीन पर सरकार द्वारा नियंत्रण में लिए जाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई अगस्त में होगी।
Supreme Court: यूपी की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने जताई आपत्ति
यूपी की तरफ से SG तुषार मेहता ने इस याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि हमने हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक जमीन वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कोर्ट ने कहा हम देखेंगे।
दरअसल समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा जमीन अधिग्रहण के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने SDM की रिपोर्ट और ADM के आदेश की वैधता को चुनौती देने वाली जौहर ट्रस्ट की याचिका खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने एडीएम वित्त के आदेश को सही ठहराया
Supreme Court ने आजम खां के मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा विश्विद्यालय के लिए अधिग्रहीत 12.50 एकड़ अतिरिक्त जमीन को राज्य द्वारा वापस लिए जाने के लिए दिए गए एडीएम वित्त के आदेश को सही ठहराया था।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि अनुसूचित जाति की जमीन बिना जिलाधिकारी की अनुमति के ट्रस्ट द्वारा अवैध रूप से ली गई। अधिग्रहण शर्तों का उल्लंघन कर शैक्षिक कार्य के उपयोग की बजाय मस्जिद का निर्माण कराया गया।
इस मामले में ट्रस्ट द्वारा विश्वविद्यालय निर्माण के लिए लगभग 471 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी। जिसमें ग्राम सभा की सार्वजनिक उपयोग की चक रोड की जमीन, नदी किनारे की सरकारी जमीन को लिया गया था। किसानों से जबरन उनकी जमीन का बेनामा करा लिया गया। जिसके खिलाफ 26 किसानों ने आजम खां के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।
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