पंजाब में लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरनजीत सिंह बैंस के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म के मामले में (Supreme Court) कोर्ट ने बैंस की गिरफ्तारी पर रोक एक हफ्ते के लिए बढ़ा दी है। हालांकि कोर्ट ने विधायक द्वारा आरोप लगाने वाली महिला और उसके परिजनों पर मामला दर्ज करने पर नाराजगी जताते हुए टिप्पणी की।

सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग की अनुमति कैसे ?
कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि आप सरकारी मशीनरी का इस तरह दुरुपयोग करने की अनुमति कैसे दे सकते हैं? वहीं दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ दर्ज शिकायत पर भी 2 हफ्ते के लिए रोक लगाई। कोर्ट ने इस मुद्दे पर पंजाब सरकार से हलफनामा दखिल करने को कहा है। दरअसल लुधियाना से चुनाव लड़ रहे लोक इंसाफ पार्टी नेता सिमरजीत सिंह बैंस पर दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। जिसमे बैंस के खिलाफ निचली अदालत से गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।
कथित तौर पर दुष्कर्म के मामले में आरोपी विधायक की ओर से इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल की है। दूसरी तरफ दुष्कर्म पीड़िता ने भी उसके खिलाफ दर्ज विभिन्न प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की है।
पीड़िता के वकील द्वारा विरोध किये जाने से पहले प्रधान न्यायाधीश एनवी. रमना, न्यायमूर्ति एएस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, हम याचिका के गुण-दोष पर कुछ नहीं कह रहे। उच्च न्यायालय इस मामले को देख रहा है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आदेश जारी नहीं किया गया है। हम याचिकाकर्ता को केवल 23 फरवरी तक की अनुमति देते हैं। इसके बाद वह आत्मसमर्पण करेंगे और नियमित जमानत लेंगे।
कोर्ट बोला याचिका के गुण-दोष पर कुछ नहीं कह रहे
पीड़िता के वकील द्वारा विरोध किये जाने से पहले प्रधान न्यायाधीश एनवी. रमना, न्यायमूर्ति एएस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, हम याचिका के गुण-दोष पर कुछ नहीं कह रहे। उच्च न्यायालय इस मामले को देख रहा है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आदेश जारी नहीं किया गया है। हम याचिकाकर्ता को केवल 23 फरवरी तक की अनुमति देते हैं। इसके बाद वह आत्मसमर्पण करेंगे और नियमित जमानत लेंगे।
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