सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, पत्नी गीतांजलि बोलीं- गिरफ्तारी गैरकानूनी

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सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

लद्दाख के समाजसेवी सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. आंगमो ने उनके खिलाफ हुई कार्रवाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने अदालत से अपील की है कि वांगचुक की गिरफ्तारी अवैध है और उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। यह याचिका अनुच्छेद 32 के तहत दाखिल की गई है, जिसके ज़रिए सीधे सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस की गुहार लगाई जाती है।

NSA के तहत जोधपुर जेल में बंद

गौरतलब है कि 24 सितंबर को लद्दाख में भड़की हिंसा के बाद पुलिस ने वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लिया था। इस समय वे राजस्थान की जोधपुर जेल में कैद हैं।

झूठे आरोपों का लगाया आरोप

गीतांजलि आंगमो का कहना है कि उनके पति को गलत आरोपों के तहत फंसाया गया है। उन्होंने साफ कहा कि वांगचुक पर पाकिस्तान से संपर्क रखने जैसी बातें पूरी तरह से निराधार और झूठी हैं।

राष्ट्रपति को लिखा पत्र

पत्नी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी हस्तक्षेप की मांग की है। बुधवार को लिखे तीन पन्नों के पत्र में उन्होंने कहा कि बीते चार सालों से जनता के लिए काम करने की वजह से वांगचुक को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी चिंता जताई कि उन्हें यह तक पता नहीं है कि उनके पति फिलहाल किस हालात में हैं।

बिना शर्त रिहाई की अपील

लेह के उपायुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में आंगमो ने लिखा, “हम सोनम वांगचुक की बिना शर्त रिहाई चाहते हैं। वह ऐसा व्यक्ति हैं जो किसी के लिए भी खतरा नहीं बन सकते। उन्होंने हमेशा लद्दाख की मिट्टी और भारतीय सेना की सेवा में खुद को समर्पित किया है।”

लद्दाख हिंसा की पृष्ठभूमि

वांगचुक को 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया था, ठीक उस समय जब लेह में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस झड़प में चार लोगों की मौत हो गई थी। प्रदर्शनकारी लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे थे।