भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी में कुछ लोगों को कम बोलने की आवश्यकता है। गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि नेताओं को आम तौर पर मीडिया से बातचीत करते हुए कम बोलना चाहिए।
राफेल विमान सौदे पर बीजेपी द्वारा एक दिन में 70 प्रेस कॉन्फ्रेंस किए जाने के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने कहा, ‘हमारे पास इतने नेता हैं और हमें उनके सामने (टीवी पत्रकारों के) बोलना पसंद है, इसलिए हमें उन्हें कुछ काम देना है।’
गडकरी ने 1972 की हिंदी फिल्म ‘बॉम्बे टु गोवा’ के एक सीन का जिक्र किया, जिसमें एक बच्चे के माता-पिता उसे खाने से रोकने के लिए उसके मुंह में कपड़े का एक टुकड़ा डाल देते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी में कुछ लोगों के लिए ऐसे ही कपड़े की जरूरत है।’
उनसे जब पूछा गया कि क्या ‘चुप रहने का आदेश’ उन लोगों के लिए भी जरूरी है, जो हनुमान की जाति या कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के गोत्र के बारे में बोलते हैं तो गडकरी ने कहा कि वह मजाक कर रहे थे।
राफेल सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की कांग्रेस की मांग पर गडकरी ने कहा कि क्या जेपीसी सुप्रीम कोर्ट से बड़ी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अधिकतर आरोपों की कोई प्रासंगिकता नहीं है और उनका जवाब नहीं देना ही बेहतर है।