चुनाव आयोग ने गुजरात विधान सभा चुनाव की घोषणा अभी नहीं की है। लेकिन उससे पहले कांग्रेस और भाजपा चुनावी रंगों में ढल गई है। वैसे चुनाव को लेकर नेताओं के बीच जुबानी जंग की क्रिया-प्रतिक्रिया का सिलसिला कई दिनों से देखा जा रहा है। इस जुबानी जंग में कभी कांग्रेस बीजेपी पर भारी पड़ती है, तो कभी बीजेपी कांग्रेस पर। वैसे चुनाव हो या न हो हमेशा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और केंद्रीय वस्त्र एवं सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी के बीच जुबानी जंग छिड़ी रहती है। ऐसे में एक बार फिर इन दोनों के बीच क्रिया-प्रतिक्रिया का सिलसिला जारी हो गया है। राहुल गांधी के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल की ट्वीट पर स्मृति ईरानी ने पलटवार किया है।
ईरानी ने शुक्रवार की शाम राहुल पर तंज कसते हुए ट्वीट कर कहा कि ‘एक आदमी जो बेल पर है, कोर्ट का मजाक उड़ा है। लगे रहो भाई गुजरात फिर भी हारोगे। साल मुबारक’। इस ट्वीट को लगभग 3700 से अधिक लोगों ने रिट्वीट किया और 8000 से अधिक लोगों ने पंसद किया।
A person out on bail mocks the courts. Lage raho Bhai Gujarat phir bhi haroge 🙏 Saal Mubarak https://t.co/WQJI9i1NaH
— Smriti Z Irani (@smritiirani) October 20, 2017
दरअसल, स्मृति ईरानी ने यह पटलवार राहुल गांधी के एक ट्वीट पर किया, जिसमें उन्होंन पीएम मोदी पर जयशाह के मामले में “चुप्पी” के लिए तंज कसा था।
बता दें कि कांग्रेस उपध्याक्ष ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह को लेकर द वॉयर की खबर पर हाईकोर्ट की रोक वाले मामले में एक न्यूज वेबसाइट की खबर को शेयर करते हुए पीएम मोदी पर तंज कसते हुए ट्वीट किया कि, “मित्रों, शाह-जादे के बारे में ना बोलूंगा ना बोलने दूंगा”
मित्रों, शाह-जादे के बारे में ना बोलूंगा, ना बोलने दूंगाhttps://t.co/y9QlHFHFHS
— Office of RG (@OfficeOfRG) October 20, 2017
हालांकि कि इन दोनों के बीच किसी ना किसी विषय को लेकर जुबानी जंग देखने को मिलती रहती है। हाल ही हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट को लेकर दोनों (राहुल-स्मृति) आमने-सामने आ गए थे। जिसमें भारत में भुखमरी का आंकड़ा दिया गया है। बता दें कि 119 देशों में भारत 97वें से गिरकर 100वें पायदान पर पहुंच गया है। जिसपर दोनों ने कविता के माध्यम से एक दूसरे पर तंज कसा था।
गुजरात चुनाव को लेकर दोनों पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंकने में लगी हैं और जीतने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। वो चाहे जुबानी जंग हो या चुनावी रैलियां। एक तरफ जहां लगातार 22 सालों से बीजेपी अपने गढ़ को बचाने में लगी है तो दूसरी तरफ कांग्रेस हार का क्रम तोड़ जीत का स्वाद चखना चाहेगी।