पुलिस को कोसने, रिश्वत लेने की तस्वीरें आम हैं। कई बार इससे संबंधित वीडियो भी वायरल हुए और दोषी पुलिसकर्मियों पर गाज भी गिरी। लेकिन खुद थाने का थानेदार ही खुद और अपने मातहतों के खिलाफ ही किसी काम में लापरवाही स्वीकार करते हुए थाने की जनरल डायरी में शिकायत दर्ज करे ऐसा आपने शायद कभी नहीं सुना होगा। लेकिन, ऐसा ही हुआ है मेरठ में।
ऐसा करने वाले थानेदार हैं खरखौदा के राजेंद्र त्यागी। ऐसे में पुलिस महकमे में यह घटना भला चर्चा का विषय कैसे नहीं बनती। एसएचओ राजेंद्र त्यागी के के मुताबिक, थाने का चार्ज लेने के बाद से अब तक उनके क्षेत्र में छह छोटी-छोटी चोरियां हो चुकी है। जिनमें उन्होंने 6 कांस्टेबल के खिलाफ जनरल डायरी में तस्करा दाखिल किया है। लेकिन आज उनके क्षेत्र में गौकशी हुई है, जिसमें वह सीधा सीधा बीट कांस्टेबल हल्का प्रभारी और स्वयं अपने आप को जिम्मेदार मानते हुए अपने ही थाने के जीडी में अपने और बीट कांस्टेबल अनिल तेवतिया, हल्का प्रभारी प्रेम प्रकाश, SI चंद किशोर, रात्रि प्रभारी दारोगा सुनील, कॉन्स्टेबल आजाद और नीलेश के खिलाफ जीडी में तस्करा दाखिल किया है।
थाने की जीडी में दर्ज किया तस्करा
एसएचओ ने खरखौंदा थाना इलाके में गौकशी के मामले में 19 गौतस्करों के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया है और अब उनकी धरपकड़ के लिए दबिशें दी जा रही है। उनका प्रण है कि, वह अपने क्षेत्र से गौ तस्करी को पूरी तरह बंद करके ही रहेंगे।
इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी की ईमानदारी की तारीफ
एसएचओ राजेंद्र त्यागी ने खुद और अपने जूनियरों के खिलाफ अपने ही थाने में शिकायत दर्ज कर उच्च अधिकारियों को उस पर कार्रवाई के लिये भेजा है। जिसके बाद हर तरफ राजेंद्र त्यागी की उनकी तारीफ हो रही है। कई माफियाओं का जीना मुश्किल करने वाले जांबाज एसएसपी राजेश पांडे भी एसएच राजेंद्र त्यागी के इस कदम के कायल हो चुके हैं।
क्या SHO राजेंद्र से सीखेंगे पुलिस के अन्य अधिकारी और कर्मी?
इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी खुद के खिलाफ ऐक्शन की सिफारिश कर एक मिसाल पेश की है। उन पुलिसकर्मियों को इससे सीख लेनी चाहिये जो दबंगों के एक खनक पर कमजोरों को मौत के मुंह तक में धकेलने से नहीं डरते। और गहराई से जांच होने पर जेल की सलाखों के पीछे पहुंच जाते हैं। इंस्पेक्टर राजेंद्र चौधरी को उनकी ईमानदारी और कर्त्व्यनिष्ठा के लिये ढेरों बधाई।