‘स्वच्छ भारत, स्वस्थ्य भारत’ पीएम मोदी का स्वच्छता अभियान पर फोकस रहा है। इसे लेकर देहरादून के एक होटल में भारत सरकार के स्वच्छता मिशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रुप में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक मौजूद रहे। स्वच्छता के लिये आयोजित कार्यक्रम में मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश के स्वच्छता विषय पर आमूलचूल परिर्वतन दिखाई देगा। इसके लिए उन्होंने एक स्वस्थ्य कार्य संस्कृति विकसित करने की आवश्यकता बताई।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 की तैयारियां शुरू करने के साथ ही इस बार इसमें कर्इ तरह के बदलाव किए गए हैं। अब तक स्वच्छता एप को आखिरी समय में डाउनलोड कराकर सर्वेक्षण में अंक हासिल कर लिए जाते थे। लेकिन इस बार एप डाउनलोड करने की तारीख के साथ ही सक्रिय यूजर की कुल संख्या के आधार पर ही अंक दिए जाएंगे। यानि लगातार एप से शिकायत रजिस्टर होना, कार्रवाई फिर फीडबैक तक की पूरी प्रक्रिया नहीं होगी तो उसकी गणना नहीं की जाएगी।
शासकीय प्रवक्ता और सूबे के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का दावा है कि सचिव स्तर के अधिकारी स्वच्छता विषय पर दिन-रात परिश्रम कर रहे हैं। निचले स्तर के कर्मियों को इनसे सीखना चाहिये। शहरी विकास मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि, नगर निकाय सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के प्रस्ताव को सरकार के पास भेजे तो सरकार उदारतापूर्वक स्वीकार भी करेगी।
स्वच्छता के लिये किये गये सर्वेक्षण में अब तक शहरों को नंबर देकर उनकी रैंकिंग तय की जाती थी लेकिन अब उसे स्टार रेटिंग मिलेगी। अधिकतम सात स्टार रेटिंग पाने वाले सबसे साफ शहर होंगे और इसकी रेटिंग कम होते नंबर के साथ घटती जाएगी। स्वच्छ भारत मिशन के लिये आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा कि मकान, कॉम्प्लेक्स या अन्य निर्माण कार्य हो रहे हों और वहां 25 श्रमिक कार्य कर रहे हैं तो उनके लिए एक शौचालय की व्यवस्था करनी होगी। किसी भी हालत में उन्हें खुले में शौच की अनुमति नहीं होगी। स्वच्छता कार्यक्रम व्यक्तिगत कार्यक्रम न होकर समाज में एक महत्वपूर्ण योगदान देने वाला कार्यक्रम है।
सरकार का दावा है कि, प्रदेश में डोर टू डोर क्लेक्शन और ओडीएफ के क्षेत्र में 100 प्रतिशत का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। अब सिर्फ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के भी लक्ष्य को हासिल करना है। लेकिन पौड़ी, बाजपुर से लेकर राजधानी देहरादून तक में सड़कों पर फैले कूड़े और इसमें मुंह मारते आवारा जानवरों की तस्वीरें अपने आप में सरकार के दावों की पोल खोल देती है। देहरादून में फैले कूड़े को लेकर हाई कोर्ट तक सख्त निर्देश दे चुकी है।
एपीएन ब्यूरो