उप राष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) जैसी स्वैच्छिक सेवाओं को स्कूलों में अनिवार्य बनाये जाने की वकालत करते हुये सोमवार को कहा कि ऐसे प्रशिक्षण छात्रों में एकता, सहानुभूति और दया की भावना विकसित करने में मददगार हैं। नायडू ने गणतंत्र दिवस परेड में भाग ले चुके एनएसएस के स्वयं सेवियों से यहाँ बातचीत के दौरान कम उम्र से ही सामुदायिक सेवा का काम हाथ में लेने के लिए उनके उत्साह और प्रतिबद्धता की सराहना की।
उन्होंने कहा कि ऐसा करते हुए छात्र राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के आदर्शों को साकार कर रहे हैं, जिन्होंने कहा था – “दूसरों की सेवा में खुद को खो देना, अपने आपको तलाशने का सबसे अच्छा उपाय है।” दु:खी लोगों की सेवा को सच्ची देशभक्ति बताते हुये उन्होंने छात्रों से कहा कि वे कम उम्र से ही सामाजिक सेवा की आदत डालें। उन्होंने युवा पीढ़ी को सुंदर भविष्य के लिए प्रकृति से प्यार करने और उसके साथ जीने की सलाह दी। उप राष्ट्रपति ने स्वच्छ भारत जैसे कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत सामग्री इकट्ठा करके लोगों की सेवा करने के लिए एनएसएस स्वयं सेवियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे क्रियाकलाप ‘शेयर एंड केयर’ के भारत के मुख्य दर्शन को सशक्त बनाते हैं।
नायडू ने कहा कि निर्णय और विकास प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना देश को आगे बढ़ाने के लिए अनिवार्य है। उन्होंने स्वयं सेवियों से कहा कि वे देश को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक विकास और प्रौद्योगिकीय नवाचार के दूत बनें उन्होंने छात्रों को बैडमिंटन कोर्ट सहित अपने आवास के आसपास का हिस्सा भी दिखाया और युवाओं के लिए शारीरिक सक्रियता पर जोर देते हुए रहन-सहन से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम की खातिर स्वस्थ आहार से जुड़ी आदतों को अपनाने पर जोर दिया।
देश के विभिन्न हिस्सों से आये राष्ट्रीय सेवा योजना के 200 से अधिक स्वयं सेवकों ने उप राष्ट्रपति से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात एनएसएस के एक माह के गणतंत्र दिवस परेड शिविर का हिस्सा है, जहाँ उन्हें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के अलावा राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करने का अवसर मिलता है।
-साभार, ईएनसी टाईम्स