अनुसूचित जाति – जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का विरोध ऐसे ही नहीं हो रहा है। जो भुक्तभोगी है वही इसके दुष्प्रभाव जानता है। मथुरा में एक ऐसे ही मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें हत्या के मामले में एक ब्राह्मण परिवार को फंसाया गया है। यही नहीं महिला ने अपने ही बेटे की हत्या के बदले सरकार से 4,22,500 रुपए का मुआवजा भी लिया। पुलिस ने मामले की जांच की तो मामला फर्जी निकला। जिस पर उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति – जनजाति आयोग के अध्यक्ष और पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
एससी-एसटी आयोग के चेयरमैन बृजलाल ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए एसएसपी मथुरा को आदेश दिया है कि झूठा मुकदमा लिखवाने वाली महिला के खिलाफ तत्काल रिपोर्ट दर्ज कराई जाए। इतना ही नहीं बच्चे की हत्या में उसने जो 4 लाख 12 हजार रुपया आर्थिक सहायता ली थी, उसकी भी वसूली की जाए।
बता दें कि यह सनसनीखेज मामला नौहझील के गांव भैरई का है। गांव की दलित महिला गुड्डी देवी ने 19 अगस्त को अपने छह साल के बेटे प्रिंस की अपने देवर आकाश के साथ मिलकर हत्या कर दी और गांव के ही बच्चू पंडित समेत ब्राह्मण परिवार के पांच लोगों को हत्या और एससीएसटी एक्ट के तहत नामजद करा दिया।
इतना ही नहीं दलित की हत्या पर पहली किस्त के रूप में मिलने वाली 4.12 लाख की रकम भी हासिल कर ली। खुलासा होने के बाद मामला एससी-एसटी आयोग तक भी पहुंच गया। आयोग के चेयरमैन बृजलाल ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एसएसपी बबलू कुमार को झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली दलित महिला के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने को कहा है।
उन्होंने कहा कि सरकारी सहायता वाली जो रकम इस परिवार को दी गई थी उसकी तत्काल वसूली की जाए। साथ ही कहा है कि अगर पैसा देने में लोग आनाकानी करें तो जमीन या फिर मकान को नीलाम करके पैसा वसूला जाए।
चेयरमैन ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट का किसी भी स्थिति में दुरपयोग नहीं होने दिया जाएगा। आयोग ब्राह्मण परिवार के साथ है।
आपको बता दें कि पुलिस ने भी गजब की तेजी दिखाई था। मुकदमा दर्ज होने के साथ ही 21 अगस्त को बच्चू पंडित को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। वो पिछले 21 दिन से जेल काट रहा है। जबकि उसने कोई गुनाह नहीं किया है। अब सवाल यह उठता है कि उसने जो इक्कीस दिन जेल में काटे हैं उनका क्या।
अगर पुलिस शुरूआत में ही पड़ताल कर लेती तो आज एक बेगुनाह जेल में न होता। इस मामले को लेकर नौहझील क्षेत्र में काफी हंगामा हुआ। महिलाएं तक सड़क पर उतरीं और नामजदगी को झूठा बताते हुए प्रदर्शन किया।