अगर आपका खाता देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में है तो आपको अब जरा सावधान होने की जरुरत है, क्योंकि अगर आपके खाते में अब मिनिमम एवरेज बैलेंस नहीं होगा, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसी के साथ एसबीआई ने अन्य बदलाव भी किए हैं।
हाल के दिनों में बैंकों ने कुछ कड़े कदम उठाए हैं। एक मार्च से HDFC बैंक, ICICI बैंक ने एक महीने में चार बार से अधिक धन जमा करने या निकासी पर न्यूनतम 150 रुपए शुल्क लगाना शुरू किया है। अब खबर आ रही है कि पांच साल के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने हाल में अपने अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर लगने वाली पेनल्टी में इजाफा किया था, लेकिन अब 1 अप्रैल से एटीएम सहित अन्य सेवाओं के बदले किए जाने वाले चार्ज में भी बदलाव किया गया है। हालांकि यह नया नियम, अन्य बैंकों के नियमों के अनुसार लोगों को कुछ राहत देने वाला होगा।
क्या है एसबीआई द्वारा पारित नया नियम?
नये नियम के अनुसार अगर अब आप एसबीआई के अलावा किसी दूसरे बैंक के एटीएम से महीने में तीन बार से ज्यादा ट्रांजैक्शन करते हैं तो आपको हर ट्रांजेक्शन पर 20 रुपये देने होंगे वहीं आप एसबीआई के एटीएम से महीने में पांच बार ट्रांजैक्शन करने पर हर अगली कैश निकासी पर 10 रुपये ही अतिरिक्त देने होंगे इसके साथ ही अगर आपको अकांउट में 25,000 रुपए से ज्यादा बैलेंस है तो कैश निकासी पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगेगा और अगर आपके अकांउट में 1 लाख रुपए से अधिक बैलेंस है तो आप दूसरे बैंकों के एटीएम से भी बिना अतिरिक्त चार्ज दिए ट्रांजैक्शन कर पाएंगें।
इसके अलावा तीन महीने में औसतन 25 हजार रुपये तक का बैलेंस रखने वाले डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों से एसबीआई हर तिमाही के लिए 15 रुपये SMS अलर्ट का चार्ज भी वसूलेगा। हालांकि 1 हजार रुपये तक के UPI/USSD ट्रांजैक्शनों पर कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले एसबीआई ने एक महीने में तीन कैश ट्रांजेक्शन्स के बाद किए जाने वाले प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर 50 रुपए का शुल्क लाने का भी फैसला किया था।