राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ( आरएसएस) बीजेपी के यूपी निकाय चुनाव जीतने के बाद से संतुष्ट नहीं दिख रही और आरएसएस बीजेपी के कामकाज की समीक्षा करना चाहती है। इसके लिए यूपी सरकार, संगठन, और संघ के बीच समन्वय बैठक 9 जनवरी को राजधानी लखनऊ में होने वाली है।
आपको बता दें कि ये बैठक कार्यकर्ताओं के समायोजन से लेकर 2019 की तैयारियों के लिए आधार मानी जा रही है। इस बैठक से यह साफ हो जाएगा कि आरएसएस सरकार और पार्टी के कामकाजों से संतुष्ट है कि नहीं।
इस बैठक में सरकार की तरफ से सीएम योगी आदित्यनाथ, डॉ. कृष्णगोपाल और सह सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होस्बोले मौजूद रहेंगे।
इस बैठक में निकाय चुनाव परिणाम हो या फिर कार्यकर्ताओं का समायोजन का मामला, सड़कों पर आलू फेंकने का मामला या फिर बच्चों को स्वेटर देने में हुई देरी इन सभी मामलों में आरएसएस के पदाधिकारी अपना फीडबैक दे सकते हैं। माना जा रहा है कि कई ऐसे मुद्दे हैं, जिसपर संघ संतुष्ट नहीं है। कई परेशानियों को लेकर कार्यकर्ता संघ की चौखट से लेकर पार्टी अध्यक्ष तक गुहार लगा चुके हैं।
इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय कहते हैं कि सरकार और पार्टी में तारतम्यता में कोई कमी नहीं है। इतनी बड़ी पार्टी में थोड़ी बहुत जो भी कमियां हैं उन्हें हल कर लिया जाएगा।
आरएसएस 2019 की लोकसभा चुनाव की जीत के लिए निकाय चुनाव के परिणाम को पर्याप्त नहीं मानती है और मिशन 2019 के प्लान यूपी तैयार कर रही है। बता दें, कि संघ यूपी की जीत को लेकर गंभीर है और वह चाहती है कि 2019 में यूपी से 70 से 80 सीटें जीतें।
जिस से पीएम नरेन्द्र मोदी की कुर्सी बरकरार रहे। यही कारण हैं की संघ सरकार और संगठक के कामकाज की समीक्षा करेंगी और नए मानक तय करेंगी। जिससे 2019 का लोकसभा भारी सीटों के साथ जीत सके।