चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का क्या होता है काम? कितनी पाते हैं सैलरी, कितना करते हैं आराम…

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की सैलरी सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के सैलरी के बराबर होती है, यानि 2.5 लाख रुपये। उन्हें बंगले के साथ वही सुविधाएं दी जाती है जो तीनों सेनाओं के प्रमुखों को दी जाती है।

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Role & Responsibility Of CDS
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Role & Responsibility Of CDS: केंद्र सरकार ने 28 सितंबर को लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अनिल चौहान को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद पर नियुक्त करने की घोषणा की। वह सैन्य मामलों के विभाग (DMA) के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। 61 वर्षीय लेफ्टिनेंट जनरल चौहान भारत के दूसरे सीडीएस होंगे। पिछले साल जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद रिक्त था। भारतीय सेना के इतिहास में यह पहली बार है कि कोई सेवानिवृत्त थ्री-स्टार अधिकारी फोर-स्टार पद पर सक्रिय सेवा में लौटा है। लिहाजा नए सीडीएस के लिए अब इस पद को संभालना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा। यहां बताते हैं कि क्या होता है सीडीएस का रोल, टर्म और सैलरी:

गौरतलब है कि जनरल रावत ने अपने एक साल 341 दिन के कार्यकाल में इस पद पर शानदार काम किया और ऐसे काम किए, जिसकी तारीफ की जाती रही है। मुख्य तौर पर उन्होंने सेना के तीनों अंगों को साथ मिलकर आपरेशंस करने और सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में बड़ा काम किया है। जानते हैं कि मुख्य तौर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का क्या काम होता है। टर्म कितना होता है और उन्हें क्या सुविधाएं और सैलरी मिलती है।

CDS का कार्यकाल कितने समय का होता है?

बता दें कि सीडीएस का कार्यकाल 03 साल या 65 साल तक होता है। हालांकि इसमें जो भी पहले आ रहा हो वो लागू होता है। जनरल बिपिन रावत ने जब यह पद संभाला, तो उनकी उम्र 62 साल थी। इसी उम्र में वो थलसेनाध्यक्ष के तौर पर रिटायर हुए और फिर सीडीएस बन गए। उनकी उम्र 64 साल होने वाली थी।

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क्या CDS सेना का सबसे बड़ा अधिकारी होता है?

जी हां, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सेना का सबसे बड़ा अधिकारी होता है। सीडीएस 3 स्टार नहीं बल्कि 4 स्टार अधिकारी होते हैं। उनके एंबलम में सोने के धागे से अशोक चक्र के साथ सेना के तीनों अंगों के प्रतीक चिह्न बने होते हैं।

सीडीएस के ऑफिस में कितने स्टाफ होते हैं?

सीडीएस के ऑफिस में एक अतिरिक्त सचिव और 05 संयुक्त सचिव और सपोर्ट स्टाफ होते हैं। इनके साथ मिलकर ही वो सेना के तीनों अंगों के साथ काम करता है। सीडीएस की कार पर तिरंगे के साथ सेना के तीनों अंगों का चिह्न युक्त झंडा लगा होता है, टोपी और बेल्ट की बकल पर भी सेना के तीनों अंगों का चिह्न होता है जबकि कंधे पर लगा बैज अशोक चिह्न के साथ सेना के तीनों अंगों के चिह्न वाला होता है। उनकी वर्दी पर लगे बटन पर भी ट्राई सर्विसेज क्रेस्ट होता है।

क्या काम करते हैं CDS?

अगर काम की बात करें तो मुख्य तौर पर उसके दायित्व सेना के तीनों अंगों को तमाम आपरेशंस में असरदार तरीके से एक साथ इस्तेमाल करना और सेना का आधुनिकीकरण है। मुख्य रूप से वो रक्षा मंत्री का प्रमुख रक्षा सलाहकार की भूमिका में होते हैं। वे हथियार खरीदने में सेनाओं की मदद करते हैं। जरूरत पड़ने पर थिएटर कमांड बनाते हैं, और सेना के तीनों अंगों की एजेंसियों, संस्थाओं और उनसे संबंधित साइबर व स्पेस को कमांड करते हैं।

कितनी सैलरी और भत्ता पाते हैं सीडीएस?

बता दें कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की सैलरी सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के सैलरी के बराबर होती है, यानि 2.5 लाख रुपये। उन्हें बंगले के साथ वही सुविधाएं दी जाती है जो तीनों सेनाओं के प्रमुखों को दी जाती है। बताते चलें कि इस तरह के पद सृजन का विचार हाल के बरसों का नहीं है। लेकिन आधिकारिक तौर पर ये पद बनाने की बात सब कुछ तय होने के बाद भी टलती रही। आखिरकार 2019 में मोदी सरकार ने इस पर मुहर लगा दी।

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