Qutub Minar Hearing LIVE: दिल्ली की साकेत कोर्ट में आज कुतुब मीनार परिसर के अंदर हिंदू और जैन देवी-देवताओं की पुनर्स्थापना और पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है। याचिका में कहा गया है कि हिंदुओं और जैन मंदिरों को तोड़कर ये मस्जिद बनाई गई है।
Qutub Minar Hearing LIVE: यहां पढ़ें लाइव अपडेट
- ASI ने अपने जवाब में कहा है कि कुतुब मीनार एक स्मारक है इसलिए यहां, धार्मिक गतिविधि नहीं हो सकती।
- जज ने हिंदू पक्ष से पूछा- कि क्या आप चाहते हैं कि स्मारक को पूजा-पाठ की जगह बना दिया जाए? हिंदू पक्ष ने कहा हम सीमित स्तर की पूजा की मांग करते हैं।
- हिंदू पक्ष ने कहा- 800 वर्षों से इसका उपयोग मुसलमानों द्वारा नहीं किया गया था। वहा मंदिर है जो मस्जिद के अस्तित्व में आने से पहले तो था तो, इसे रीस्टोर क्यों नहीं किया जा सकता है।
- जज ने कहा- अगर इसकी इजाजत दी गई तो संविधान के ताने-बाने और धर्मनिरपेक्ष कैरेक्टर को नुकसान होगा। मान लेते हैं कि मंदिर तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया। यह मानते हुए मुसलमानों ने इसे मस्जिद के रूप में इस्तेमाल नहीं किया है। यह केवल स्मारक है। यहां सबसे अधिक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि आप इसे किस आधार पर बहाल करने का दावा कर सकते हैं?
- जज ने कहा- आप चाहते हैं कि, इसे मंदिर में बदला जाए, लेकिन आप ये बताएं कि यह कैसे दावा करेंगे कि यह 800 साल पहले अस्तित्व में था?
- हिंदू पक्ष ने कहा- यह एक हिंदू मंदिर है तो इसकी अनुमति क्यों नहीं दे सकते? कानून कहता है कि एक बार यदि कोई देवता की संपत्ति हो गई तो वह हमेशा देवता की संपत्ति ही रहती है।
- जज ने कहा- जिस मस्जिद की बात हो रही है उसका इस्तेमाल मस्जिद के तौर पर अभी नहीं होता है। आप क्यों फिर उसे मंदिर बनाना चाहते हैं?
- हिंदू पक्ष ने कहा- हिंदू पक्ष से हरिशंकर जैन ने अयोध्या केस का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या केस में कहा था कि देवता हमेशा मौजूद रहते हैं। अगर देवता रहते हैं तो पूजा का अधिकार भी रहता है।
- हिंदू पक्ष ने कहा- किसी देवता की मूर्ति को नष्ट कर देने से, उनका मंदिर तोड़ देने से, देवता अपनी दिव्यता और पवित्रता नहीं खोते।
- जज ने कहा- क्या वहां मूर्तियां है?
- हिंदू पक्ष ने कहा- इसके पहले हमारे आवेदन पर मूर्ति के संरक्षण का आदेश पारित किया गया था। वहां एक लोहे का खंभा है जो 1600 साल पुराना है यह पूजा से संबंधित है। इसपर संस्कृत में श्लोक भी लिखे हैं। जो जमीन देवता की होती है, वह हमेशा देवता की रहती है।
- जज ने कहा- जब देवता 800 सालों तक बिना पूजा के वहां मौजूद हैं तो उनको ऐसे ही रहने दिया जाए।
- हिंदू पक्ष ने कहा- हम इस जगह को विवादित नहीं कह सकते क्योंकि पिछले 800 सालों से वहां नमाज भी नहीं हुई है।
- कोर्ट ने कुछ समय के लिए सुनवाई रोकी। एक पुलिस कर्मी पूरी सुनवाई की ऑडियो रिकॉर्डिंग कर रहा था। जानकारी मुताबिक कोर्ट ने उसका फोन जब्त कर लिया है।
- कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 9 जून को निर्धारित की है। उसी दिन फैसला आ सकता है।
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