बदमाशों से मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों का मारा जाना छोटी बात नहीं है.. कानपुर में दबिश देने गई पुलिस टीम के साथ जो हुआ.. वो कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल है.. चौबेपुर में पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं.. इसमें एक डीएसपी और 3 सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई.. पुलिस गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी.. लेकिन उसके गैंग ने पुलिस पर घात लगाकर छत से हमला कर दिया.. हिम्मत इतनी, कि बदमाश पुलिस के हथियार तक लूट ले गए।

बड़ा सवाल ये है कि, क्या इतना बड़ा ऑपरेशन बिना किसी तैयारी के अंजाम दिया जा रहा था.. या फिर, घर के अंदर ही कोई भेदिया था.. जिसने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पहले ही इस पूरे मामले की जानकारी दे दी.. क्योंकि, जिस तैयारी के साथ पुलिस टीम पर हमला हुआ वो बिना मुखबिरी के के संभव नहीं.. बदमाशों ने रास्ते में जेसीबी लगातार पुलिस के वाहने का रास्ता रोका.. और फिर चारों तरफ से घरकर छतों से गोलिया बरसाईं.. यानी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पहले से ही मालूम हो गया था.. कि रात में उसके घर दबिश पड़ने वाली है।

बदमाशों को ये तक पता था कि पुलिसवालों के पास कौन-कौन से हथियार होंगे.. खुद एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिसकर्मियों से बड़ी चूक हुई है । देर रात जब पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर विकास के घर के पास पहुंची.. तो घर से कुछ दूर रास्ते में जेसीबी को लगाकर रास्ता रोका गया था.. इसलिए पुलिस अपनी गाड़ी से मौके तक नहीं पहुंच सकी.. उधर, विकास और उसके साथी लाठी-डंडा और असलहे लेकर खड़े थे.. जब पुलिस टीम घर की तरफ पैदल बढ़ी तो पुलिस से उनकी झड़प हो गई.. उसके बाद बदमाशों ने पुलिस के असलहों को छीनकर उन पर फायर कर दिया.. ब्यूरो रिपोर्ट।

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