Presidential Polls: भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों ने बुधवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक साझा उम्मीदवार उतारने का संकल्प लिया है। दरअसल, राम नाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव 18 जुलाई को होना है और वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों की बैठक के बाद कहा, “हमने तय किया है कि हम केवल एक ही उम्मीदवार को चुनेंगे। हम दूसरों से सलाह मशविरा करेंगे। यह एक अच्छी शुरुआत है। हम कई महीनों के बाद एक साथ बैठे हैं, और हम इसे फिर से करेंगे।”
Presidential Polls: चार दलों ने बैठक से किया था किनारा
बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार तय करने के लिए सभी विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था। बैठक में 16 विपक्षी दलों ने भाग लिया और 4 दल ने इससे किनारा कर लिया था। बता दें कि इस बैठक से आम आदमी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, शिरोमणि अकाली दल और बीजू जनता दल ने राष्ट्रीय राजधानी के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में दोपहर 3 बजे शुरू हुई बैठक से बाहर होने का विकल्प चुना था।
Presidential Polls: इन नेताओं का लगा जमावड़ा
राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा और एडी सिंह, शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी और सुभाष देसाई, जनता दल (सेक्युलर) के एचडी कुमारस्वामी और एचडी देवेगौड़ा, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के टीआर बालू और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बैठक में भाग लेने वालों में शामिल हैं। बैठक में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सिंह सुरजेवाला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती भी शामिल थीं।
Presidential Polls: ममता बनर्जी ने बुलाई थी मीटिंग
बताते चलें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले सप्ताह 7 मुख्यमंत्रियों सहित 19 राजनीतिक दलों के नेताओं को 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी आवाजों को एकजुट करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में एक बैठक के लिए आमंत्रित किया था। बैठक से एक दिन पहले, बनर्जी और वामपंथी पार्टी के नेताओं ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से उनके आवास पर अलग-अलग मुलाकात की और उन्हें शीर्ष संवैधानिक पद के लिए आम विपक्षी उम्मीदवार के रूप में मनाने की कोशिश की।
अपने पक्ष में संख्या के साथ – सत्तारूढ़ एनडीए के पास इलेक्टोरल कॉलेज के लगभग आधे वोट हैं। वहीं बीजद, अन्नाद्रमुक और वाईएसआरसीपी जैसे दलों के संभावित समर्थन के साथ एनडीए उम्मीदवार एक बार फिर बाजी मारने में कामयाब हो सकते हैं।
संबंधित खबरें…