देश में एक ऐसे शख्स हैं जो अपने आपको सबसे सर्वोपरि मानते हैं। अपने आपको सबसे ज्यादा बुद्धिजीवी मानते हैं। उनके लिए किसी की इज्जत को सरेआम उछालना आम बात है। वो अपने फायदे के लिए देश को, संविधान, कोर्ट को भी धोखा दे सकते हैं। वो धोखे के खेल में सभी को मात दे सकते हैं। फरेब की जाल में किसी को फंसा सकते हैं। यहां तक की सुप्रीम कोर्ट के जजों को भी फंसा सकते हैं। वो जिनपर करोड़ों लोगों की आस्था है उसपर भी आघात करते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं अपने आपको बुद्दिजीवी कहने वाले स्वयंभू समझने वाले, सुप्रीम कोर्ट में साजिश रचने वाले प्रशांत भूषण की। अच्छा काम करके वो नाम नहीं कमा पा रहे हैं। इसलिए विवादित बयान देकर ही अपना शान बढ़ाते हैं। सोशल मीडिया पर किसी पर तीर छोड़कर अपनी आकांक्षा पूरा करने का इनका बड़ा शॉक है। इसलिए देश के सबसे बड़े गुरु सद्गगुरु जग्गी वासुदेव पर संगीन आरोप लगाया है। बिना कोई सबूत के बिना कोई एफआईआर के बिना कोई कार्रवाई के स्वंयं को सुप्रीम कोर्ट के जज से ऊपर समझते हुए फैसला सुना दिया कि धर्मगुरू वासुदेव अपने पत्नी के हत्यारे हैं। आरोप लगाया कि सद्गुरू ने अरबों की संपत्ति जमा की है। उन्हें राजनीति संरक्षण मिला हुआ है। वो गॉडमेन नहीं फ्रॉडमेन हैं। इतना संगीन आरोप लगाने से पहले प्रशांत भूषण ने नहीं सोचा की किस व्यक्ति पर आरोप लगा रहे हैं। क्यों लगा रहे हैं। सिर्फ सियासी आकांक्षा पूरी करने के लिए ऐसा बयान देना, सद्गुरू के व्यक्तित्व पर सवाल उठाना क्या उचित है?। जो देश और विदेशों में विख्यात है। जिनकी पूरे विश्व में ख्याती है उन पर इतना बड़ा आरोप लगना प्रशांत भूषण की दिमागी बिमारी का ही नतीजा है। प्रशांत भूषण का धर्मगुरू को बदनाम करने की साजिश है। ये इसलिए क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी को अपने कार्यक्रम में बुलाया था। ये इसलिए क्योंकि प्रशांत भूषण जैसे समाज को तोड़ने वालों से सद् गुरु वासुदेव कोई वास्ता नहीं रखते।
प्रशांत भूषण के ट्वीट पर सद गुरु वासुदेव के समर्थकों में नाराजगी है। खुद सद गुरू ने नाराजगी जाहिर करते हुए प्रशांत भूषण के ट्टवीट पर जवाब देते हुए कहा कि ऐसे लोग जब अदालत में न्याय के लिए लड़ेगें तो कानून का मजाक ही उड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को सुप्रीम कोर्ट में घुसने नहीं देना चाहिए। सद् गुरु हमेशा ही लोगों के बीच प्यार बांटते हैं। लेकिन प्रशांत भूषण जैसे लोगों से कौन प्यार करेगा। जो देश को तोड़ने की बात करता हो। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रशांत भूषण कुछ भी बोलेंगे और देश सहता रहेगा। प्रशांत भूषण किसी पर आरोप लगाते रहेंगे और उन्हें कुछ नहीं होगा। आखिर कब तक प्रशांत भूषण बकासुर जैसे किसी भी व्यक्ति पर बकासुर की तरह बक-बक करते रहेंगे।