‘परीक्षा पे चर्चा’ का यह तीसरा संस्करण तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित किया गया। जिसमें देश- विदेश के छात्रों ने हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि फिर एक बार आपका ये दोस्त आप सबके बीच में है। सबसे पहले मैं आपको नववर्ष 2020 की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। अगर कोई मुझे कहे कि इतने कार्यक्रमों के बीच वो कौन सा कार्यक्रम है जो आपके दिल के सबसे करीब है, तो मैं कहूंगा वो कार्यक्रम है परीक्षा पे चर्चा। युवा मन क्या सोचता है, क्या करना चाहता है, ये सब मैं भली-भांति समझ पाता हूं।
PM मोदी की छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा शुरू, ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बच्चों को नए साल की बधाई दी और खुद को उनका दोस्त बताया। #ParikshaPeCharcha #ParikshaPeCharcha2020 #NarendraModi @PMOIndia@narendramodi
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पीएम मोदी ने कहा, जैसे आपके माता-पिता के मन में 10वीं, 12वीं को लेकर टेंशन रहती है, तो मुझे लगा आपके माता-पिता का भी बोझ मुझे हल्का करना चाहिए। मैं भी आपके परिवार का सदस्य हूं, तो मैंने समझा कि मैं भी सामूहिक रूप से ये जिम्मेदारी निभाऊं। क्या कभी हमने सोचा है कि Mood off क्यों होता है? अपने कारण से या बाहर के किसी कारण से। अधिकतर आपने देखा होगा कि जब Mood off होता है, तो उसका कारण ज्यादातर बाह्य होते हैं।
पीएम मोदी ने कहा, हम विफलताओं मैं भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं। हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हो। जाने अनजाने में हम लोग उस दिशा में चल पड़े हैं जिसमें सफलता -विफलता का मुख्य बिंदु कुछ विशेष परीक्षाओं के मार्क्स बन गए हैं। उसके कारण मन भी उस बात पर रहता है कि बाकी सब बाद में करूंगा, एक बार मार्क्स ले आऊं।
सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं। कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है। ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए। मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है। Co-curricular activities न करना आपको रोबोट की तरह बना सकता है। आप इसे बदल सकते हैं। हां, इसके लिए बेहतर समय प्रबंधन की आवश्यकता होगी। आज कई अवसर हैं और मुझे आशा है कि युवा इनका उपयोग करेंगे।
तकनीक को अपना दोस्त बनाएं
पीएम मोदी ने कहा, 2020 सिर्फ नया वर्ष नहीं है, ये नया दशक भी है। ये दशक आपके लिए जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही देश के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस दशक में देश जो भी करेगा, उसमें इस समय 10वीं, 12वीं के विद्यार्थी हैं, उनका बहुत योगदान रहेगा। पिछली शताब्दी के आखरी कालखंड और इस शताब्दी के आरंभ कालखंड में विज्ञान और तकनीक ने जीवन को बदल दिया है। इसलिए तकनीक का भय कतई अपने जीवन में आने नहीं देना चाहिए। तकनीक को हम अपना दोस्त माने, बदलती तकनीक की हम पहले से जानकारी जुटाएं, ये जरूरी है।
मां, बाप, दादा, दादी के साथ समय बिताएं
पीएम मोदी ने कहा, स्मार्ट फोन जितना समय आपका समय चोरी करता है, उसमें से 10 प्रतिशत कम करके आप अपने मां, बाप, दादा, दादी के साथ बिताएं। तकनीक हमें खींचकर ले जाए, उससे हमें बचकर रहना चाहिए। हमारे अंदर ये भावना होनी चाहिए कि मैं तकनीक को अपनी मर्जी से उपयोग करूंगा। आज की पीढ़ी घर से ही गूगल से बात करके ये जान लेती है कि उसकी ट्रेन समय पर है या नहीं। नई पीढ़ी वो है जो किसी और से पूछने के बजाए, तकनीक की मदद से जानकारी जुटा लेती है। इसका मतलब कि उसे तकनीक का उपयोग क्या होना चाहिए, ये पता लग गया।
हमारे कर्त्तव्य में ही सबके अधिकार समाहित
पीएम मोदी ने कहा कि इस देश में अरुणाचल ऐसा प्रदेश है जहां एक दूसरे से मिलने पर जय-हिंद बोला जाता है। ये हिंदुस्तान में बहुत कम जगह होता है। वहां के लोगों ने अपनी भाषा के प्रचार के साथ हिंदी और अंग्रेजी पर भी अच्छी पकड़ बनाई है। हम सभी को नॉर्थ ईस्ट जरूर जाना चाहिए। अधिकार और कर्त्तव्य जब साथ साथ बोले जाते हैं, तभी सब गड़बड़ हो जाता हैं। जबकि हमारे कर्त्तव्य में ही सबके अधिकार समाहित हैं। जब मैं एक अध्यापक के रूप में अपना कर्त्तव्य निभाता हूं, तो उससे विद्यार्थियों के अधिकारों की रक्षा होती है। क्या हम तय कर सकते हैं कि 2022 में जब आजदी के 75 वर्ष होंगे तो मैं और मेरा परिवार जो भी खरीदेंगे वो Make In India ही खरीदेंगे। मुझे बताइये ये कर्त्तव्य होगा या नहीं, इससे देश का भला होगा और देश की economy को ताकत मिलेगी।
असफलता भी हमें सफलता की शिक्षा देती है
चंद्रयान मिशन की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि असफलता भी हमें सफलता की शिक्षा देती है। किसी चीज में विफल हो गए हैं तो इसका मतलब सफलता की और चल पड़े हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग के वक्त कई लोगों ने मुझसे कहा था कि आप वहां न जाएं, क्योंकि यहां सफलता सुनिश्चित नहीं है, क्या होगा जब ये फेल हो जाएं। तो मैंने कहा कि यही कारण है कि मैं वहां रहना चाहता हूं। जब यह अभियान फेल हुआ तो मैंने खुद जाकर वैज्ञानिकों का उत्साह बढ़ाया और फिर माहौल बदल गया।
‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित करने से पहले पीएम मोदी तालकटोरा स्टेडियम में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और अलग-अलग क्षेत्रों से आए बच्चों से मुलाकात की। बता दें कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम का यह तीसरा सत्र है। ‘परीक्षा पे चर्चा’ का पहला सत्र 16 फरवरी 2018 को आयोजित हुआ था, जबकि इसका दूसरा सत्र 29 जनवरी 2019 को हुआ था।